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बीकानेर,श्रीकोलायत,नेशनल हाइवे 11 पर सालासर टोल प्लाजा के निकट स्थापित जिप्सम फैक्ट्रियों से प्रतिदिन उठ रहा जहरीला धुआं अब आमजन के लिए गंभीर स्वास्थ्य संकट का रूप ले चुका है। इन फैक्ट्रियों से निकलने वाले रासायनिक धुएं ने न सिर्फ आसपास के गांवों की हवा को दूषित कर दिया है, बल्कि राहगीरों, किसानों, स्कूली बच्चों और स्थानीय निवासियों का जीवन भी संकट में डाल दिया है।

विशेषज्ञों के अनुसार इस धुएं में मौजूद हानिकारक कण फेफड़ों, त्वचा और आंखों से जुड़ी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। क्षेत्र के नागरिकों ने कई बार जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शिकायतें दी, मगर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी और उदासीनता से जनता में आक्रोश व्याप्त है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि न तो फैक्ट्रियों में प्रदूषण नियंत्रण के कोई मानक उपकरण लगाए गए हैं, और न ही इनसे निकलने वाले धुएं के निस्तारण की कोई व्यवस्था है। ग्रामीणों का सांस लेना भी दूभर हो गया है। कई बुजुर्ग, छोटे बच्चे और महिलाएं लगातार खांसी, दमघोंटू वातावरण और आंखों में जलन की शिकायतें कर रहे हैं।
आस पास के किसानों ने बताया कि खेतों में फसलों का बिजान तो करते हैं लेकिन धुएं से फसलों का उत्पादन नहीं होता है और फसलों के उत्पादन नहीं होने के कारण ग्रामीण किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है

ग्रामीणों की मांगें:

1. तत्काल फैक्ट्रियों की जांच कर प्रदूषण मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए।

2. पर्यावरण विभाग द्वारा फैक्ट्रियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

3. क्षेत्र में प्रदूषण मापक यंत्र स्थापित कर निगरानी की स्थायी व्यवस्था हो।

4. आमजन की सुरक्षा के लिए वैकल्पिक उपाय किए जाएं।

बड़े पैमाने पर श्रेत्र में प्रदूषण फैलना और प्रशाशन का ध्यान नहीं देना आमजन के लिए बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है उच्च अधिकारियों से मिलकर मामले में उचित कार्यवाही की मांग रखेंगे

यदि समय रहते कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया, तो आमजन को आंदोलन का रास्ता अपनाने पर मजबूर होना पड़ेगा।

 

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