Trending Now












बीकानेर,बीकानेर की सात विधानसभा क्षेत्रों में कुल 76 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। जिसमें भाजपा और कांग्रेस के मुख्य उम्मीदवारों के अलावा निर्दलीय, बागी और अन्य दलों के प्रत्याशी शामिल है। चुनाव प्रचार आखिरी दौर में है। मोदी का बीकानेर में और नढ्ढा का श्रीडूंगरगढ़ में रोड शो, खाजूवाला में वसुंधरा राजे, नोखा में स्टार प्रचारक योगी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह और भाजपा के अन्य नेताओं का चुनावी दौरा पूरा हुआ। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जय राम रमेश और अन्य नेता कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार कर चुके हैं। जिले की सात सीटों में से कांग्रेस के तीनों मंत्रियों की साख दांव पर लगी हैं। तीनों सीटों पर मंत्रियों के सामने भाजपा प्रत्याशी भारी पड़ रहे हैं। यानि बीकानेर पश्चिम, श्रीकोलायत, खाजूवाला बीकानेर पूर्व सीट मिलाकर चार सीटों पर भाजपा की पक्की दावेदारी है। शेष तीन सीटों में से भी भाजपा एक या दो मानती है एक सीट कांग्रेस और एक निर्दलीय की आ सकती है। वैसे तो बीकानेर की सातों सीटों में मुख्य टक्कर वाले प्रत्याशी कांग्रेस और भाजपा के ही माने जा रहे है। परंतु श्रीडूंगरगढ़ में सीपीआई, नोखा और लूणकरणसर में निर्दलीय बराबर की टक्कर में है। बीकानेर पश्चिम से डा. बी डी कल्ला राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री है और 10 बार चुनाव लड़ रहे है। धुरंधर राजनेता कल्ला को टक्कर देना भाजपा के जेठानंद लिए आसान नहीं है। श्रीकोलायत से ऊर्जा मंत्री रहे भंवर सिंह भाटी विकास के बलबूते चुनाव मैदान में हैं, हालाकि उन पर कई आरोप भी है। फिर भी भंवर सिंह ने श्रीकोलायत में जो भी किया वो भूतो न भविष्यत: । उनके लिए भाजपा के युवा प्रत्याशी अंशुमान सिंह भाटी चुनौती है। खाजूवाला में कबीना मंत्री गोविंद मेघवाल कांग्रेस में अजा जजा का चेहरा माना जाता है। खाजूवाला में कांग्रेस संगठन और विकास के काम किए हैं। जनता में उनकी स्वीकार्यता को तोलना भाजपा के डा विश्वनाथ के सामने मुश्किल काम है। सिद्धि कुमारी भाग्य की धनी मानी जा रही है। कांग्रेस के प्रत्याशी यशपाल की हाइट उनके सामने कम पड़ती है। तीन सीटें श्रीडूंगरगढ़, लूणकरणसर और नोखा में त्रिकोणीय संघर्ष है। वैसे फैसला तो मतदाताओं के हाथ में ही है, परंतु जनता ने एक तस्वीर खींच दी है। जिसमें तीनों मंत्रियों को कड़ी चुनौती, भाजपा को बढ़त,तीन सीटों पर तस्वीर धुंधली बताई जा रही है। इन कयासों से इतर सच को जानने के लिए तो चुनाव परिणाम की घोषणा का ही इंतजार करना पड़ेगा।

Author