बीकानेर,मुझे अपने सभी परिचितों को बताते हुए यह बहुत दुख हो रहा है कि जिनके भी बच्चे 15 वर्ष से बड़े हैं और वह घर से कोचिंग, ट्यूशन के नाम पर रात को लेट तक बाहर घूमते रहते हैं। वह अपने बच्चों को समय रहते संभाल ले। समय बहुत ही हल्का चल रहा है और लगभग 70% बच्चे बर्बाद हो चुके हैं अगर बचा सकते हो तो आपके पास सिर्फ 30% ही अवसर बचा है। लगभग बच्चे घर से तो पढ़ने के नाम पर जाते हैं लेकिन बच्चे चाय के खो-खो के पीछे बैठे आपको नशा करते मिल जाएंगे। और उनके इर्द-गिर्द ऐसे ब्याज खोर और नशा सिखाने वाले घूम रहे हैं। जो उन्हें बिगाड़ने में फुल मदद करते हैं जिसके परिणाम भी आने चालू हो गए हैं। परसों जो मर्डर हुआ है वह भी एक ऐसा ही वाकया है इसीलिए अगर आपको मेरी बात पर थोड़ा सा भी संदेह लगे तो 4 दिन अपने बच्चे के पीछे जाकर देख लो कि वह क्या करता है और क्या नहीं करता, आपकी आंखें खुल जाएगी। और ज्यादातर घरों में उनको अपने बच्चों का पता भी है कि वह बिगड़ चुके हैं लेकिन डरते उनको कुछ नहीं कहते हैं। उन्हें लगता है कि बच्चों को कुछ कहने से वह कहीं गलत फैसला ना ले ले। अब भी समय है बचा सको तो बचा लो, वरना अब नहीं कुछ कहा तो आगे परिणाम बहुत ही गंभीर होंगे।