बीकानेर,जयपुर,विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पशुपालन, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, पंचायती राज, कृषि, ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास, खान, सार्वजनिक निर्माण, कारागार, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, उद्योग, आबकारी, पशुपालन, गोपालन, देवस्थान विभागों से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे. वहीं, सदन की मेज पर प्रश्नकाल के बाद मंत्री शांति धारीवाल राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर और जयपुर के लेखों पर कैग की 2016-17 से लेकर 2020 21 तक की रिपोर्ट रखेंगे. इसके इतर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की भी 2016-17 से लेकर 2020-21 तक की कैग रिपोर्ट रखी जाएगी.
इधर, मंत्री परसादी लाल मीणा राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड का नौवां और दसवां वार्षिक प्रतिवेदन रखेंगे. मंत्री राजेंद्र यादव महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर का 2019 -2020 से 2022-23 तक का वार्षिक प्रतिवेदन, कोटा विश्वविद्यालय का 2019-20 से 2022-23 तक वार्षिक प्रतिवेदन, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय का 2020-21 से 2022-23 तक का वार्षिक प्रतिवेदन, हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय का 2019-20 से 2022-23 तक का वार्षिक प्रतिवेदन, एमबीएम विश्वविद्यालय जोधपुर का 2022 -23 का वार्षिक प्रतिवेदन,
दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय का 219-20 से 2022-23 तक का वार्षिक प्रतिवेदन, गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय का 2019- 20 से 2022-23 तक का वार्षिक प्रतिवेदन, राज ऋषि भरथरी मत्स्य विश्वविद्यालय का 2019-20 से 2022 -23 तक का वार्षिक प्रतिवेदन, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय का 219-20 से 2022-23 और महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय का 2019-20 से 2022- 23 का वार्षिक प्रतिवेदन सदन पर रखा जाएगा. इसके बाद मंत्री सुभाष गर्ग बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय 2022 का वार्षिक प्रतिवेदन सदन में रखेंगे. वहीं, इसके उपरांत सदन में बजट पर वाद विवाद में पक्ष विपक्ष के विधायक भाग लेंगे.
वहीं, गहलोत सरकार जिस राइट टू हेल्थ बिल को सबसे महत्वपूर्ण मानती है, उसे पास करवाने के लिए उसे सड़क से सदन तक विरोध झेलना पड़ रहा है. पिछले सत्र में सदन में रखे गए राइट टू हेल्थ बिल को दोबारा संशोधन के साथ लाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा के नेतृत्व में बनी 17 सदस्यीय प्रवर समिति को सौंप दिया गया था. प्रवर समिति की आज दूसरी बैठक विधानसभा में होगी. जिसमें यह तय होगा कि राइट टू हेल्थ बिल में किन संशोधनों को समाहित कर राज्य सरकार इस बिल को विधानसभा में दोबारा रखेगी. फिलहाल चिकित्सकों को इस बिल को लेकर आपत्ति है और वह लगातार इसे लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.