बीकानेर, जिले में गिरते लिंगानुपात के विरुद्ध चिकित्सक समुदाय ने एकजुटता दिखाई है। जल्द ही इसके परिणाम भी परिलक्षित होंगे। बेटी बचाओ अभियान को लेकर बुधवार को कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बीकानेर के स्वास्थ्य भवन सभागार में सभी सोनोग्राफी केन्द्रों के संचालकों के साथ पीसीपीएनडीटी समुचित प्राधिकारियों की कार्यशाला आयोजित हुई।
उपखण्ड समुचित प्राधिकारी (पीसीपीएनडीटी) बीकानेर एवं संयुक्त निदेशक, बीकानेर जोन डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि किस तरह जिले की एसआरबी में गिरावट हुई है। मुख्यतया खाजूवाला, नोखा व पीबीएम में हुई प्रसव में ये गिरावट दर्ज हो रही है जिसके कारणो पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई तथा सामुहिक जिम्मेदारी मानते हुए दूर करने का प्रयास की आवश्यकता जताई।
जिला नोडल अधिकारी व उपखण्ड समुचित प्राधिकारी (पीसीपीएनडीटी) नोखा व लूणकरणसर तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बीकानेर डॉ. बी.एल.मीणा द्वारा सम्पूर्ण जिले में पीसीपीएनडीटी अधिनियम, 1994 एवं नियम 1996 के बेहतर क्रियान्वयन की बात कही तथा जिले में व्यापक सुदृढ मुखबिर तंत्र बनाने हेतु प्रयास किए जाने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ’’मुखबिर योजना’’ जिसमें राशि 3,00,000 रूपये तक का ईनाम है, को सभी स्तर तक प्रचारित किया जा रहा है तथा अवैध गर्भपात (लिंग चयन आधारित) को रोकने एवं सूचना देने की बात कही।
डिप्टी सीएमएचओ (परिवार कल्याण) डॉ. योगेन्द्र तनेजा ने अपने जम्मू एवं कश्मीर में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत किए निरीक्षण कीजानकारी दी। जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश गुप्ता, डिप्टी सीएमएचओ डॉ. लोकेश गुप्ता व डॉ. सी.एस. मोदी ने बेटी बचाओ व राज्य सरकार द्वारा जारी भ्रूण लिंग परीक्षण की सूचना भिजवाने हेतु जारी वाट्सअप नम्बर 9799997795 पर सूचना देने हेतु बल दिया।
जिला समन्वयक पीसीपीएनडीटी महेन्द्र सिंह चारण द्वारा पीसीपीएनडीटी अधिनियम, 1994 एवं नियम, 1996 द्वारा मुख्य प्रावधानो का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया तथा एक्ट से सम्बन्धित नवीन संशोधन, सर्कुलर, एवं समय-समय पर जारी सभी आदेश, निर्देश व परिपत्र को विस्तार पूर्वक बताया। जिले में लिंगानुपात में हुई गिरावट के कारणो को चिन्हित करके संदिग्ध केन्द्रो का पता करने का कहा तथा मुखबिर योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार की बात कही। ऑनलाईन सबमिशन किए जाने वाले फार्म एफ में त्रुटि रहित अंकन/इन्द्राज करने पर बल दिया तथा यह भी बताया कि 12 से 24 सप्ताह के गर्भवती महिलाओं के जिनके पूर्व में 1,2,3 या अधिक लडकिया है, के प्रसव को भौतिक सत्यापित किया जाता है तथा ऐसे संदिग्ध व्यक्तियों की सूचना साझा करने की अपील की।
अतः में बेटी बचाओ की शपथ दिलाई गई। डॉ. बी.एल. मीणा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बीकानेर ने सभी उपस्थित चिकित्सको से उनके सुझाव आमं़ित्रत किए तथा उन्हें जिले की एसआरबी को बढाने हेतु सामुहिक प्रयास हेतु कहा तथा जिले में बालिका गरिमा उत्थान हेतु विशेष कार्यक्रम चलाए जाने का निर्णय लिया। इस अवसर पर उपनिदेशक डॉ. राहुल हर्ष, डॉ. अनिल वर्मा, रेणु बिस्सा, नेहा शेखावत, इन्द्रजीत सिंह ढाका सहित जिले के अधिकाँश सोनोग्राफी केंद्र संचालक मौजूद रहे।
_*समुचित प्राधिकारी (पीसीपीएनडीटी)*_
1. डॉ. देवेन्द्र चौधरी, श्रीमान् उपखण्ड समुचित प्राधिकारी (पीसीपीएनडीटी) उपखण्ड-बीकानेर एवं
संयुक्त निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें, बीकानेर जोन, बीकानेर।
2. डॉ. बी.एल.मीणा, उपखण्ड समुचित प्राधिकारी (पीसीपीएनडीटी) उपखण्ड-नोखा व लूणकरणसर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बीकानेर।
3. डॉ. योगेन्द्र तनेजा, उपखण्ड समुचित प्राधिकारी (पीसीपीएनडीटी) उपखण्ड-श्री डूंगरगढ़ व श्री कोलायत एवं उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (परिवार कल्याण) बीकानेर।
4. डॉ. राजेश गुप्ता, उपखण्ड समुचित प्राधिकारी (पीसीपीएनडीटी) उपखण्ड-खाजूवाला एवं जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी, बीकानेर।
5. डॉ. लोकेश गुप्ता, उपखण्ड समुचित प्राधिकारी (पीसीपीएनडीटी) उपखण्ड-छŸारगढ़ एवं उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) बीकानेर।
6. डॉ. सी.एस. मोदी, उपखण्ड समुचित प्राधिकारी (पीसीपीएनडीटी) उपखण्ड-पूगल एवं जिला क्षय अधिकारी, बीकानेर।