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बीकानेरी अस्पताल में चार दिन पहले निशुल्क की गई तहत चीटी रोकने केहै। साथ चर्चा भी की है और इस व्यवस्था को जल्द लागू भी किया जाएगा। अस्पताल परिसर में वाहन स्टैंड को लेकर लंबे समय से ठेकेदार और अस्पताल प्रशासन के बीच विवाद चल रहा था। इस विवाद को जड़ से ही समाप्त करने के लिए गत दिनों संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने अस्पताल परिसर में निशुल्क पार्किंग की व्यवस्था लागू करने के आदेश दिए थे।

इस आदेश के साथ ही सभी करतेस अलग के साथ ही संधी के अधीक्षक ने स्टाफ के उखाड़ दिए और गार्ड तैनात कर दिए थे। लेकिन शुल्क पार्किंग हटने के बाद अब वाहन चोरी की आशंका बढ़ गई है। जब स्टैंड पर शुल्क लगता था, तब भी कई लोगों के वाहन चोरी होते थे क्योंकि लोग किराया बचत के लिए वाहन इधर की आशंका रहती है। उधर खड़ा करते थे। अब जब अस्पताल में सभी पार्किंग स्थल निशुल्क हो गई है तो वाहन चोरी की घटनाओं में और बढ़ोतरी होने की आशंका बढ़ गई है। हालांकि

अस्पताल प्रशासन ने सभी पार्किंग प्रशासन ने पक्रिनकार्ड को भी यह मालूम नहीं रहता है कि कौन व्यक्ति किस का वाहन लेकर गया है। क्योंकि गार्ड के पास किसी वाहन का कूपन आदि नहीं होता और नहीं यह पता चलता है कि वाहन का सके। मालिक कौन है। ऐसे में चोरी होने आशंका रहती है।

इसे देखते हुए अब पार्किंग स्थल पर टोकन की व्यवस्था लागू करने की योजना है। यह व्यवस्था वाहन चालकों को निशुल्क मिलेगी। पार्किंग पर तैनात गार्ड वाहन चालक को टोकन देंगे। जब वापस वाहन लियोन देते। जब पान वाहन चोरी रोकने लोगों के होगा। अन्यथा वाहन नहीं मिलेगा। वाहनों की सुरक्षा के लिए टोकन इसे देखते हुए अस्पताल प्रशासन गार्ड की संख्या भी बढ़ाएगा ताकि चौबीस घंटे यह व्यवस्था लागू हो सके।

अस्पताल परिसर में करीब दस स्थानों पर वाहन स्टैंड निर्धारित है। इस समय इन पर निशुल्क वाहन पार्क करने की व्यवस्था है। अस्पताल के मुख्य द्वार के पास बच्चा अस्पताल, आपातकालीन कक्ष, ट्रोमा सेंटर, हल्दीराम मूलचंद कार्डियो वास्कुलर सेंटर, मोर्चरी के पास, सोलह नंबर आउटडोर, नेत्र चिकित्सालय, यूरोलॉजी विभाग आदि स्थानों पर निशुल्क पार्किंग की व्यवस्था है। जबकि पूर्व में इन स्टैंड पर वाहन खड़ा करने पर शुल्क लिया जाता था। यह पहला मौका है, जब अस्पताल में निशुल्क पार्किंग की सुविधा दी गई है।

वाहन चोरी रोकने तथा अस्पताल में आ रहे लोगों के वाहनों की सुरक्षा के लिए टोकन व्यवस्था करने की योजना है। इस पर विचार चल रहा है। ऐसी संभावना है कि जल्द ही यह व्यवस्था लागू हो

डॉ. पीके सैनी, अधीक्षक पीबीएम अस्पताल

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