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बीकानेर। जिले के साहित्यकार के एफडी से ठग से लाखों रुपये पार कर लिये है। ज्यो-ज्यो नई तकनीकी आ रही है वैसे-वैसे ठग भी हाईटेक हो गये है। अब तो मोबाइल से बात करते ही खाते से रुपए पार हो रहे है। बीकानेर के एक साहित्यकार के साथ ऐसी ही ठगी करके पेंशन में मिले रुपए अज्ञात शख्स ने अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर लिए। खास बात ये है कि ये राशि बैंक के बचत खाते से नहीं बल्कि फिक्स्ड डिपोजिट पर लोन लेकर उठा लिए। अब जयनारायण व्यास कॉलोनी में मामला दर्ज कराया गया है। पांडे ने बताया कि कुछ समय पहले उनके पेटीएम में कुछ तकनीकी खराबी आ गई थी
ऐसे में उन्होंने पेटीएम के हेल्पलाइन सेंटर पर बात करने की कोशिश की। इसके लिए गूगल पर पेटीएम हेल्प सेंटर के नंबर सर्च किए। एक नंबर मिला, जिस पर कॉल करके पेटीएम नहीं चलने की जानकारी दी गई। सामने से कहा गया कि थोड़ी देर में आपको कॉल बेक करेगा। कुछ समय बाद उसने पेटीएम से जुड़ी सारी जानकारी मांगी। न तो एकाउंट नंबर मांगे और न कोई ओटीपी की मांग की। बातचीत करते हुए ही संभवत: उसे शख्स ने पांडे के मोबाइल को हैक करके उनके एकाउंट में जाकर पांडे के मोबाइल नंबर की जगह स्वयं के मोबाइल नंबर कर दिए। आमतौर पर ये काम काफी मशक्कत के बाद होता है लेकिन हैकर ने ये काम कुछ मिनट में ही कर दिया।
इसके बाद हैकर ने एसबीआई एकांउट में सेंधमारी करके वहां से नवनीत पांडे की करीब पांच-छह लाख रुपए की एफडी पर एडवांस लोन स्वीकृत करके सेविंग एकाउंट में डाला। जहां से आसानी से ये रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। इस पूरे प्रोसेस में एक बार भी पांडे के मोबाइल पर कोई कॉल नहीं आया। न ही कोई स्रूस् बैंक से आया कि रुपए निकल गए हैं।
दरअसल, एसएमएस के अलावा ईमेल पर भी बैंक से मैसेज आता है कि उनके खाते से कोई ट्रांजेक्शन हुआ है। मेल देखने पर पांडे के होश उड़ गए। उन्होंने की पवनपुरी शाखा पहुंचकर वहां डिटेल ली तो 4.80 लाख रुपए निकल चुके थे। बैंक ने बताया कि उनके मोबाइल नंबर पर ओटीपी से ही रुपए निकले हैं। इस पर पांडे ने मोबाइल नंबर चैक किए तो पता चला कि ये नंबर ही उनके नहीं है।

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