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बीकानेर,छत्तरगढ़ थाने के एक एएसआई के मार्फत एक ठग ने बीकानेर एएसपी के नाम से पेट्रोल पंप मालिक से 60 हजार रुपए ठग लिए। वारदात का पता चलने पर पुलिस भी हैरान रह गई। मामले की जांच शुरू की तो ठग के मोबाइल की लोकेशन अलवर जेल में मिली।

फर्जी एएसपी बनकर ठगी करने का मामला सामने आने पर साइबर रेस्पांस सेल ने कथित एएसपी का मोबाइल नंबर ट्रैक किया तो लोकेशन अलवर जेल की आई। पता चला है कि प्रवीण उर्फ रिंकू नामक कैदी जेल से ठगी का नेटवर्क ऑपरेट कर रहा है। उसने फर्जी एएसपी बनकर 60 हजार रुपए का ट्रांजेक्शन बैंक खातों के अलावा पेटीएम और यूपीआई टू यूपीआई ऑनलाइन किया है, ताकि पुलिस के पकड़ में ना आ सके। लेकिन साइबर सेल ने 20 दिन की मशक्कत के दौरान सभी लिंक खोज निकाले। जिसमें एक खाता दौसा के आईटीआई कॉलेज के एक कर्मचारी और एक अन्य व्यक्ति का पकड़ में आया है।

फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की एक टीम अलवर भेजी गई है। शातिर ठग प्रवीण का पुराना रिकॉर्ड भी सामने आया है। उसने 2018 में जयपुर रोड पर सुभाष धुस्सा के पेट्रोल पंप पर भी फर्जी एएसपी बनकर 60 हजार रुपए की ठगी की थी। उस मामले में पुलिस ने प्रवीण सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मलतब साफ है जेलों में स्मार्ट फोन खुले आम उपयोग में लाए जा रहे हैं। बीकानेर जेल में भी कई बार कैदियों के पास मोबाइल मिल चुके हैं।

चूरू में फर्जी एएसपी बनकर पूर्व सभापति से 70 हजार रुपए ठग लिए गए। फोन करके पैसों की जरूरत बताई और खाता नंबर दिए। पूर्व सभापति ने पैसा अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया। ठगी का पता चलने पर पुलिस ने छानबीन की तो मोबाइल की लोकेशन जयपुर के घाटगेट में मिली। बैंक खाता नंबरों के आधार पर अनमोल नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। दो अन्य नाम भी सामने आए थे।

नीमराणा में फर्जी एएसपी बनकर एनएच आठ पर स्थित शहीद नरेंद्र पेट्रोल पंप संचालक से 75 हजार रुपए की ठगी की गई थी। ठग ने पहले पुलिस थाने में हैड कांस्टेबल को फोन किया। खुद को एएसपी बताया। हेड कांस्टेबल से पेट्रोल पंप संचालक को फोन करवाया। संचालक को बैंक खाता नंबर बता तीन बार में 75 हजार ले लिए। पुलिस को मोबाइल की लोकेशन जयपुर के सेंट्रल जेल में मिली।

सिरोही में फर्जी एएसपी बनकर पेट्रोल पंप संचालक से 70 हजार की ठग लिए गए। यहां भी ठगी करने वाला गिरोह वही निकला जिसने चूरू में ठगी की थी। मोबाइल लोकेशन जयपुर के घाटगेट में मिली। पुलिस ने इस मामले में राजेश, अनमोल, मोनू उर्फ धीरज व राजीव को गिरफ्तार किया था। इनमें से मोन और राजीव को जयपुर की सेंट्रल जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया गया।

चार साल पहले भी बीकानेर में ऐसा ही मामला सामने आया था। तब फर्जी एएसपी बनकर प्रवीण ने ही जयपुर रोड स्थित पेट्रोल पंप संचालक सुमित पुत्र सुभाष घुस्सा से 60 हजार रुपए ठग लिए गए। जेएनवी पुलिस ने इस मामले में देशराज, सुनील, अनिल मीणा, प्रवीण उर्फ रिंकू और राजेश मीणा को गिरफ्तार किया था। वह ठगी के ऐसे मामलों में जेल जाता रहा है।

दिल्ली की रोहिणी जेल से 200 करोड़ की ठगी के मामले में तिहाड़ जेल के पांच अफसरों को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। इनमें रोहिणी जेल के दो जेल सुपरिटेंडेंट, दो जेल डिप्टी सुपरिटेंडेंट और एक असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट शामिल हैं। आरोप है कि सुकेश चंद्रशेखर ने तिहाड़ जेल से रेलिगेयर इंटरप्राइजेज के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह की पत्नी अदिति सिंह से 200 करोड़ रुपए की ठगी की थी।

उज्जैन के सेंट्रल जेल से पिछले साल ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया। इस मामले में कैदी का वीडियो वायरल होने के बाद जेल प्रशासन हरकत में आया। उज्जैन की केंद्रीय जेल भैरव गढ़ में बंद महाराष्ट्र पुणे के अनंत अमर अग्रवाल नामक बंदी ने जेल के अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसे लेकर अनंत अमर अग्रवाल का सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हुआ था।

बीकानेर में ऐसे हुई ठगी की वारदात ठगी की यह वारदात 14 से 16 फरवरी के बीच की है। छत्तरगढ़ थाने के एएसआई श्रीराम मीणा 14 फरवरी को सुबह करीब सवा ग्यारह बजे पेट्रोल पंप पहुंचे। मैनेजर से कहा- बीकानेर ग्रामीण एएसपी सुनील कुमार बात करना चाहते हैं और अपना फोन उसे दे दिया। सामने वाले शख्स ने इतना ही कहा, पुलिसकर्मी से नंबर ले लो। उसके जाने के बाद मुझे कॉल करना। विनोद कुमार ने 9462747481 पर कॉल लगाया।

तब उस शख्स ने कहा- मेरा एक छोटा सा काम है। तुम नहीं कर सकोगे। अपने मालिक को यह नंबर देकर कहो एएसपी से बात करे। कुछ देर बाद पंप मालिक विजय सिंह मीणा ने उस नंबर पर बात की तो कथित एएसपी ने मीटिंग में बिजी होने का कहकर फोन काट दिया। अगले दिन 15 फरवरी को उसने मीणा को फोन करके कहा कि उसका बेटा इंदौर में पढ़ता है।

उसका बर्थ डे है। उसके खाते में 25 हजार रुपए ट्रांसफर कर दो। इस प्रकार उसने एक लाख रुपए मांगे, जिसमें से मीणा ने अपने तीन दोस्तों के अकाउंट से कई चरणों में 60 हजार रुपए ट्रांसफर कराए। अगले दिन कथित एएसपी का नंबर स्वीच ऑफ मिला तो मीणा को संदेह हुआ।

पेट्रोल पंप मालिक का जब मेरे पास फोन आया तो घटना सुनकर मुझे बड़ी हैरानी हुई। मोबाइल नम्बर से आरोपियों को ट्रेस करने की जिम्मेदारी साइबर रिस्पांस टीम को सौंपी गई है। – सुनील कुमार, एएसपी ग्रामीण फर्जी एएसपी बनकर पेट्रोल पंप मालिक से 60 हजार रुपए ठगने वालों की धरपकड़ के लिए पुलिस दल को अलवर भेजा गया है। आरोपी शीघ्र ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे।- जय कुमार भादू, एसएचओ छत्तरगढ़

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