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बीकानेर,वेटरनरी विश्वविद्यालय, बीकानेर एवं राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान (मैनेज), हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में “पशु उत्पादों में मूल्य संवर्धन: पोषण सुरक्षा और पशुधन अर्थव्यवस्था की ओर एक रास्ता” विषय पर ऑनलाइन मोड पर आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन बुधवार को हुआ। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. हेमन्त दाधीच ने बताया कि तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान देश के ख्याति प्राप्त आई.सी.ए.आर. इंस्टीट्यूट एवं विश्वविद्यालयों के विषय विशेषज्ञ डॉ. वाई.पी. गाडेकर (वरिष्ठ वैज्ञानिक, हैदराबाद), डॉ. अरविन्द कुमार सोनी (वैज्ञानिक अविकानगर, टोंक), डॉ. ओम प्रकाश मालव (सह-आचार्य, लुधियाना), डॉ. गौरी जयरथ (वैज्ञानिक, पालमपुर), डॉ. योगेश कुमार (वरिष्ठ वैज्ञानिक, एन.आर.सी.सी., बीकानेर), डॉ. राजीव कुमार रंजन (प्रधान वैज्ञानिक, मेरठ), डॉ. नरेन्द्र नायक (आचार्य एल.पी.टी. विभाग, महु), डॉ. गीता चौहान (प्रधान वैज्ञानिक, आई.वी.आर.आई.), डॉ. सुनील कुमार (आचार्य, एल.पी.टी. विभाग, जम्मू), डॉ. नितिन मेहता (सह-आचार्य, एल.पी.टी. विभाग, लुधियाना), डॉ. साहजी फंड (उप-निदेशक, मैनेज, हैदराबाद) एवं सुश्री रेखा दास (मैनेज, हैदराबाद) आदि ने पशु उत्पादों के मूल्य संवर्धन के विभिन्न पहलुओं पर पशुचिकित्सकों, प्रसार कार्यकर्ताओं, वैज्ञानिकों एवं विद्यार्थियों को व्याख्यान प्रस्तुत किये। जिनमें पशु अपशिष्ट प्रबंधन और मूल्य संवर्धन, मांस उत्पादन प्रसंस्करण, खाद्य सुरक्षा, दुग्ध प्रसंस्करण, मार्केटिंग आदि विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किये गये। इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से विद्यार्थियों को एवं विषय विशेषज्ञों को नवीन तकनीकों एवं शोधो को जाननक का मौका मिलता है। मांस, अण्डा, दुग्ध एवं इनके उत्पादों का जहां आम जन में उपयोग बढ़ा है वहीं इनके विपणन से युवाओं को रोजगार मिला हैं। राष्ट्रीय संस्थान मैनेज हैदराबाद के उप-निदेशक डॉ. साहजी फंड ने बताया कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम देश के विभिन्न संस्थानों पर भी चलाए जा रहे है ताकि शोधार्थी, शिक्षक एवं संबन्धित व्यवसाय से जुड़े लोगो को इसका फायदा मिल सके। प्रशिक्षण से जुडे प्रशिक्षणार्थियों के फीड़बैक लिए गए है जो कि प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुधार में सहायक होगें। डॉ. साहजी फंड ने मैनेज संस्थान द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम का समन्वय मैनेज हैदराबाद की सुश्री रेखा दास एवं राजुवास के डॉ. देवीसिंह ने किया। समापन सत्र में विश्वविद्यालय के डीन-डायरेक्ट, शिक्षक एवं विद्यार्थी भी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े। प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन में सहायक निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. संजय सिंह का सहयोग रहा।

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