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बीकानेर,निदेशालय प्रसार शिक्षा,राजुवास बीकानेर एवं निदेशालय गोपालन, राजस्थान, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में पंजीकृत गौशालाओं के प्रबंधकों एवं डेयरी संचालकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शनिवार को समापन हुआ। समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि सूरजमल जी निमराना, प्रदेशाध्यक्ष गौ ग्राम सेवा संघ, बीकानेर ने कहा कि गौशालाओं को संरक्षण एवं स्वावलम्बी बनाने हेतु राज्य सरकार ने गोपालन विभाग, राजस्थान सरकार गौपालकों एवं गौशाला प्रबंधको को उन्नत गोपालन के लिए ज्ञान एवं कौशल विकास हेतु विश्वविद्यालयों एवं अन्य संस्थानों के परस्पर सहयोग से निरन्तर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करवा रहा है जो कि गौपालकों हेतु जरूरी भी है। आमजन को भी गौसंरक्षण हेतु जागरूक होना पडेगा ताकि निराक्षित गौवंश वाहनों की चपेट में ना आए। कार्यकारी निदेशक प्रसार शिक्षा प्रो. प्रवीण बिश्नोई ने कहा कि वेटरनरी विश्वविद्यालय में आधुनिक पशु चिकित्सकीय सुविधाए उपलब्ध है जिसका गौपालक पशु ईलाज हेतु उपयोग कर सकते है। पशुपालकों को वैज्ञानिक पशुपालन के तौर तरीकों के साथ-साथ राज्य सरकार की विभिन्न पशुपालन योजनाओं के प्रति भी जागरूक रहना चाहिए ताकि योजनाओं के उद्देश्यो की पूर्ति हो सके। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. देवी सिंह राजपूत ने बताया कि इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण में बीकानेर संभाग के बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों के 35 गौशाला संचालको एवं प्रबंधको ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। विश्वविद्यालय के विषय विशेषज्ञों द्वारा उन्नत गौशाला प्रबंधन, देशी गोवंश संरक्षण, स्वच्छता एवं आवास प्रबंधन, संतुलित आहार, वर्षभर हराचारा, वर्मी कम्पोस्ट, गोबर का मूल्य संवर्धन राज्य सरकार की डेयरी फार्म योजनाएं, गौ नस्ल सुधार, पंचगव्य का महत्व आदि विषयों पर व्याख्यान के साथ-साथ आदर्श गौशाला एवं डेयरी भ्रमण करवाया गया। प्रशिक्षण सह-समन्वयक डॉ. संजय सिंह ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया एवं गौशाला प्रबधकों को भ्रमण करवाया। प्रशिक्षण के उपरान्त प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गये।

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