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बीकानेर,खाटूश्यामजी में तीन दिवसीय सुभाष पालेकर कृषि प्रशिक्षण शिविर का शुरू हुआ, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के 1000 से भी अधिक किसानों ने भाग लिया। यह आयोजन बजाज फाउंडेशन के जमनालाल कनीराम बजाज ट्रस्ट (जेकेबीटी) द्वारा आयोजित किया गया. यह ट्रस्ट 1963 से सीकर में स्थापित है और जिले के किसान को सशक्त बनाने के लिए कार्य कर रहा है. प्राकृतिक खेती पर यह तीन दिवसीय कार्यशाला रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा देना और भारत के किसान को आत्मनिर्भर बनाना की रह पर एक महत्वपूर्ण कदम है.

समारोह में शिक्षा और पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर, स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के कुलपति डॉ. अरुण कुमार और नाबार्ड के महाप्रबंधक पुष्पहास पांडे उपस्थित थे. जिन्होंने सतत कृषि और समग्र शिक्षा के महत्व पर अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किए.श्री हरिभाउ बागड़े, राजस्थान के राज्यपाल कल प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होंगे.

इसके बाद “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत वृक्षारोपण गतिविधि आयोजित की गई, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक राष्ट्रव्यापी अभियान है.

सुभाष पालेकर कृषि के जनक, पद्मश्री सुभाष पालेकर जी ने इस अवसर पर एक प्रेरक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने बच्चों द्वारा अम्लीय और अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की.उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करने के लिए खड़ा होना चाहिए कि हमारे बच्चों को क्षारीय खाद्य पदार्थ, प्राकृतिक बाजरा और प्राकृतिक रूप से उगाए गए फल और सब्जियां खिलाई जाएं, विशेष रूप से सरकारी स्कूलों के भोजन में।” इसके साथ ही उन्होंने शिक्षा और पंचायती राज मंत्री दिलावर से आग्रह किया कि वे इस मामले पर गंभीरता से विचार करें और स्कूलों में स्वस्थ भोजन को बढ़ावा दें ताकि आने वाली पीढ़ियों का स्वास्थ्य सुरक्षित किया जा सके. दिलावर ने इस पर नई शिक्षा नीति में इन सारे मुद्दों पर विचार करने का आश्वासन दिया.

इसके अलावा, पालेकर ने सरकार से यह भी अनुरोध किया कि कक्षा 5 तक छात्रों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाया जाए, क्योंकि इससे बच्चों की समझ और आत्मविश्वास में काफी वृद्धि होगी.

जमनालाल कनीराम बजाज ट्रस्ट के ट्रस्टी, अपूर्व नयन बजाज ने भी प्राकृतिक खेती और स्वस्थ भोजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य का समर्थन किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बच्चों को पौष्टिक, प्राकृतिक रूप से उगाए गए खाद्य पदार्थों का सेवन सुनिश्चित करना चाहिए ताकि एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके, जो अस्वास्थ्यकर आहार विकल्पों से उत्पन्न बीमारियों से मुक्त हो. उन्होंने “डिज़ाइन फॉर चेंज” कार्यक्रम का भी उल्लेख किया, जिसे बजाज फाउंडेशन और बजाज समूह द्वारा राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में बढ़ावा दिया जा रहा है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य रचनात्मक सोच और समस्या समाधान के माध्यम से युवा पीढ़ी में आत्मविश्वास बढ़ाना है.

सीकर के काशी का बास में जन्मे स्वतंत्रता सेनानी श्री जमनालाल बजाज के परिवार द्वारा स्थापित जमनालाल कनीराम बजाज ट्रस्ट, ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने और सतत कृषि को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है.

सुभाष पालेकर कृषि प्रशिक्षण अगले दो दिनों तक जारी रहेगा, जिसमें किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीकों की गहरी समझ प्राप्त होगी, जिसका उद्देश्य रासायनिक इनपुट के बिना लागत को कम करना और उत्पादकता बढ़ाना है.

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