
बीकानेर, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय किसान मेले का समापन गुरुवार को हुआ। 6 हजार से अधिक किसानों को इस मेले में कृषि की आधुनिक प्रौद्योगिकी, नवाचारों और अनुसंधान से परिचित होने का अवसर मिला।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीडूंगरगढ़ विधायक ताराचंद सारस्वत ने कहा कि व्यापक चुनौतियों के बावजूद किसान राष्ट्र के लिए अन्न उत्पादन करता है। हम किसान के ऋणी है।
सारस्वत ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश का किसान मजबूत बने। किसान की खुशहाली और समृद्धि में राष्ट्र की समृद्धि समाहित है। राज्य सरकार किसान हित में प्रतिबद्धता से काम कर रही है। गेहूं के एमएसपी में राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त राशि दी जा रही है।
ताराचंद सारस्वत ने कहा कि किसान को अपनी आर्थिक स्थिति और मजबूत बनाने के लिए सुनियोजित खेती तथा द्वितीयक कृषि क्रियाओं की तरफ जाना होगा। किसान हमारी अर्थव्यवस्था की नींव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान निधि के माध्यम से किसानों को सम्मान दिया है।उन्होंने विश्विद्यालय द्वारा किए जा रहे कृषि अनुसंधानों की सराहना की और कहा कि कृषि तकनीक के प्रसार से पश्चिमी राजस्थान में खेती- किसानी की स्थिति में सुधार हुआ है। मूंगफली के कारण क्षेत्र की देशभर में विशिष्ट पहचान बनी है। जैविक तथा प्राकृतिक खेती अपनाने पर बल देते हुए सारस्वत ने कहा कि उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम सदुपयोग करें। नई आवश्यकताओं, परिस्थितियों के अनुरूप प्रौद्योगिकी अपनाएं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में कीकर की समस्या से निजात मिले इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो अरुण कुमार सिंह ने कहा कि तीन दिवसीय किसान मेले में किसानों को सुनियोजित कृषि प्रक्रियाओं से परिचित करवाया गया । विश्वविद्यालय द्वारा कृषि विभाग (आत्मा) के सहयोग से फसल ,फल सब्जी, पुष्प, पशुपालन तथा द्वितीयक कृषि क्रियाओं के वैज्ञानिक तरीके प्रबंधन आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। कृषक संवाद और गोष्ठियों के माध्यम से किसानों की जिज्ञासाओं पर प्रत्युत्तर दिए गए। युवा पीढी पुनः खेती की ओर लौट रही हैं, ऐसे उदाहरण राहत प्रदान करते हैं। विश्वविद्यालय का प्रयास है कि नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी का सीधा लाभ किसान तक पहुंचे। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा द्वितीयक कृषि क्रियाओं के प्रशिक्षण केन्द्र का प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाया गया है। इसके अतिरिक्त प्रयास है कि यहां फार्म मशानिग इम्प्रूवमेंट ट्रेनिंग सेंटर खोला जाए । जिससे किसानों को प्रशिक्षण दिया जा सके। उन्होंने बताया कि मेले में फल, सब्जी, पुष्प ,पशुपालन आदि की उन्नत नस्लों का प्रदर्शन कर किसानों ने सक्रिय भागीदारी निभाई है। इससे अन्य किसान प्रेरित होंगे।
कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक डा त्रिलोक कुमार जोशी ने कहा कि मिलेटस उत्पादन में राजस्थान अग्रणी है। स्वास्थ्य के प्रति लाभ को देखते हुए किसान इनकी पैदावार पर ध्यान दें। उर्वरक के अंधाधुंध प्रयोग पर चिंता जताते हुए उन्होंने जैविक खेती को अपनाने के लिए प्रेरित किया तथा राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं तथा अनुदान आदि की जानकारी दी ।
वित्त नियंत्रक पवन कस्वां ने कहा कि वर्तमान युग की आवश्यकता अनुरूप द्वितीय हरित क्रांति की आवश्यकता है। अतिवृष्टि, अनावृष्टि जैसी प्राकृतिक चुनौतियों के बीच भी किसान अनाज उगाता है। आजीविका के लिए कृषि प्रासंगिक बनी रहे इस चुनौती के बीच विश्विद्यालय द्वारा आयोजित किसान मेला किसान संबलन में योगदान की सार्थक पहल है। प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ नीना सरीन ने स्वागत उद्बोधन दिया।इस अवसर पर मेला स्मारिका का विमोचन भी किया गया। उपनिदेशक प्रसार शिक्षा डॉ राजेश कुमार वर्मा ने आभार प्रकट किया।कार्यक्रम का संचालन डॉ मंजू, डॉ सुशील ने किया।
*पशुपालन प्रदर्शनी प्रतियोगिता के विजेता पुरस्कृत*
मेले के तीसरे दिन पशुपालन प्रदर्शनी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विधायक सारस्वत ने प्रतियोगिता में प्रदर्शित की गई विभिन्न पशु नस्लों की जानकारी ली। प्रतियोगिता के प्रभारी डॉ एन एस दहिया ने बताया कि पशुपालकों ने उत्साह के साथ विभिन्न श्रेणियों में अपने पशुओं का प्रदर्शन किया। सारस्वत ने पशुपालकों से संवाद कर प्रोत्साहित किया। स्टाल्स निरीक्षण के दौरान विधायक ने सफेद तिल खरीदे।
पशुपालन प्रदर्शनी प्रतियोगिता में ऊंट श्रेणी में कीरताराम, सद्दाम तथा रिजवान क्रमशः तृतीय, द्वितीय तथा प्रथम स्थान पर रहे। भैसपालन में राजेन्द्र सिंह, जयप्रकाश को पुरस्कृत किया गया। गौपालन अनीता ने तीसरा, सुशील ने दूसरा तथा गुलाम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। श्वान पालन में द्वितीय स्थान पर मोहित तथा प्रथम स्थान पर रजत पंचारिया रहे। भेड़पालन श्रेणी सीताराम द्वितीय, उदाराम प्रथम रहे। बकरीपालन में सीताराम प्रथम उदाराम द्वितीय स्थान पर रहे।
ड्रोन का प्रदर्शन भी किया गया।
ये रहे मौजूद
इस दौरान मेला प्रभारी डॉ सुभाष चन्द्र बलवदा,
उपनिदेशक कृषि विस्तार (आत्मा) ममता चौधरी, कृषि अधिकारी उद्यानिकी मुकेश गहलोत सहित विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता अधिकारी और बडी संख्या में किसान मौजूद रहे।