बीकानेर, नाबार्ड द्वारा आयोजित 03 दिवसीय फाल्गुनी मेले का शनिवार को समापन हुआ। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में ट्रोमा सेंटर प्रभारी डॉ.कपिल ने कहा कि नाबार्ड का यह 03 दिवसीय प्रयास छोटे कारीगरों को बाजार से जोडने का बेहतरीन प्रयास है। नाबार्ड द्वारा आयोजित फाल्गुनी मेला न केवल कारीगरों,स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के प्रोत्साहन के लिए मंच है बल्कि बीकानेर की पहचान बने भौगौलिक संकेतक- उस्ता कला व कशीदाकारी के लिए बाजार की एक नई दिशा है। मेले से स्थानीय कारीगरों का उत्वाहवर्धन हुआ है।उन्होंने कहा कि नाबार्ड की इस पहल से अन्य कलाकार भी जुड़ेंगे।
मेले में जोधुपर, कश्मीर शाल के उत्पादों को बेचने के लिए भी स्वयं सहायता समूह की सदस्यों द्वारा सहभागिता की गई।
मेले के समापन अवसर पर स्थानीय कलाकारों द्वारा चकरी नृत्य व घूमर नृत्य की रंगारंग प्रस्तुति दी गई ।
मेले के दौरान पंजाब नेशनल बैंक तथा दी राजस्थान स्टेट को-आपरेटिव बैंक के प्रतिनिधियों द्वारा भारत सरकार तथा राज्य सरकार की योजनाओं से किसान उत्पादक संगठन, स्वयं सहायता समूहों, स्थानीय कारीगरों के लिए प्रदर्शनी लगाई थी। इस दौरान बैंकों द्वारा सभी 62 स्टाल्स पर आये सभी विक्रेताओं को भारत सरकार की प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना तथा अटल पेंशन योजना के बारे में विस्तार से बताया गया। इस अवसर पर नाबार्ड सहायक महाप्रबंधक रमेश ताम्बिया द्वारा प्रधान मंत्री मुद्रा योजना, स्टेंट अप इंडिया योजना व कारीगरों के लिए एमएसएमई की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई।
बाजार से जोडने के लिए नाबार्ड की डिजीटाईजेशन स्कीम तथा स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गई। राजीविका द्वारा ऐसे आयोजन करते रहने के लिए पंजाब नेशनल बैंक, सहकारी बैंक तथा नाबार्ड को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
नाबार्ड द्वारा सभी 62 स्टाल धारकों को 03 दिवस के लिए निःशुल्क आवास तथा सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है तथा स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं व उस्ता कलाकारों को उनके विक्रय केन्द्र पर रहने के दौरान डेली अलाउंस संबंधित के खाते में सीधा भेजा जाएगा।