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बीकानेर,प्रज्ञालय संस्थान एवं राजस्थानी युवा लेखक संघ के संयुक्त तत्वावधान में गत 45 वर्षो की निरन्तर परंपरा के चलते हुए इस वर्ष भी महान् इटालियन विद्वान राजस्थानी पुरोधा लुईजि पिओ टैस्सीटोरी की 137वंी जयंती के अवसर पर तीन दिवसीय ‘सिरजण उछब’ के रूप में दिनांक 11 दिसम्बर, से 13 दिसम्बर 2024 तक मनाया जाएगा।

संस्था के प्रदेशाध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने बताया की राजस्थानी भाषा, साहित्य संस्कृति एवं पुरातत्व के लिए समर्पित राजस्थानी के महान् विद्वान डॉ. लुईजि पिओ टैस्सीटोरी के महत्वपूर्ण कार्यो को जन-जन तक पहुंचाने का उपक्रम संस्थाओं द्वारा किया जाता रहा है। रंगा ने आगे बताया कि तीन दिवसीय यह ‘सिरजण उछब’ राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता एवं दूसरी राजभाषा मान्यता को समर्पित होगा।
समारोह के संयोजक युवा कवि गिरिराज पारीक ने आगे बताया कि ‘सिरजण उछब’ के प्रथम दिन 11 दिसम्बर, 24 बुधवार को दोपहर 12ः30 बजे लक्ष्मीनारायण रंगा सृजन सदन में विशेष ‘परिसंवाद’ का आयोजन रखा गया है, परिसंवाद का विषय राजस्थानी भाषा अर शिक्षा होगा। इस परिसंवाद में विशेष तौर से शिक्षाविद् सहभागी रहंेगेे।
समारोह के सहसंयोजक शिक्षाविद् एवं संस्कृतिकर्मी हरिनारायण आचार्य ने बताया की ‘सिरजण उछब’ के दूसरे दिन 12 दिसम्बर, 2024 वार गुरूवार को प्रातः 9 बजे लक्ष्मीनारायण रंगा सृजन सदन नत्थूसर गेट बाहर से एक प्रभात फेरी ‘राजस्थानी मान्यता हेतु’ का आयोजन रखा गया है, जिसमें नई पीढी द्वारा अपनी मातृभाषा राजस्थानी जो करोडों लोगों की जन भावना, अस्मिता एवं सांस्कृतिक पहचान है उसके वाजब हक की मांग करते हुए राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता एवं प्रदेश की दूसरी राजभाषा के संदर्भ में होगी।
समारोह के समन्वयक वरिष्ठ शिक्षाविद् राजेश रंगा ने बताया कि ‘सिरजण उछब’ के तीसरे दिन 13 दिसम्बर 24 वार शुक्रवार को प्रातः 11ः30 बजे टैस्सीटोरी समाधि-स्थल पर ‘पुष्पांजलि एवं शब्दांजलि’ का आयोजन रखा गया है।

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