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बीकानेर। नोखा के पांच साल पुराने बहुचर्चित निजी शिक्षण संस्थाान में अध्ययरत रही दलित छात्रा की संदिग्ध मौत व बलात्कार के मामले में विशिष्ट सेशन न्यायाधीश पोक्सो एक्ट प्रकरण बीकानेर के न्यायाधीश देवेन्द्र सिंह नागर ने शुक्रवार को तीन अभियुक्तों को दोषी करार दिया है। अभियुक्तों की सजा पर बहस के लिए ११ अक्टूबर को सुनाई की जाएगी।
पोक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक सुभाष साहू ने बताया कि मुख्य आरोपी श्री जैन आदर्श कन्या शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के तत्कलीन पीटीआई विजेन्द्र सिंह को भादंसं की धारा ३६३, ३६६, ३७६ एवं ५/६ पोक्सो एक्ट एवं एससी-एसटी एक्ट में दोषी माना है। वही सह आरोपी हॉस्टल वार्डन प्रिया शुक्ला एवं उसके पति व स्कूल के प्रिंसिपल प्रज्ञा प्रतीक शुक्ला को भादंसं की धारा ३०५, पोक्सो एक्ट की धारा २१ एवं एससी-एसटी एक्ट में दोषी पाया है। पत्रावली पर उपलब्ध सबूतों से सारे अपराध प्रमाणित पाए गए। इसी के आधार पर अभियुक्तों को दोषी माना गया है। अब सोमवार के तीनों दोषियों को कोर्ट की ओर से सुनाई जाएगी।

यह है मामला
नोखा के श्री जैन आदर्श कन्या शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में बीएड कर रही दलित छात्रा का शव कॉलेज की पानी की टंकी में मिला था। बाड़मेर जिले के गडरा क्षेत्र निवासी मृतक छात्रा के पिता की ओर से नोखा थाने में रिपोर्ट दी गई थी। इस मामले को लेकर काफी बवाल हुआ। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इसे राष्ट्रीय स्तर पर उठाया। विपक्ष के दबाव एवं परिजनों की गुहार पर सरकार ने प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया था। राज्य सरकार की ओर से २० अप्रेल को नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था। इस मामले में जुलाई, २०१६ में नोखा न्यायालय में तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश कर दी गई थी। पेश की गई चार्जशीट में अनुसंधान अधिकारी एवं एएसपी सतनामसिंह ने छात्रा ने आत्महत्या की थी। साथ ही पोक्सो एक्ट में दोषी माना।

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