बीकानेर,जयपुर। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के बीच 1 सितम्बर से राज्य में स्कूलो को खोलने के निर्णय का अभिभावक लगातार विरोध कर रहे है। इस संदर्भ मर संयुक्त अभिभावक संघ सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों ने राज्य सरकार से स्कूलो को खोलने के आदेश पर पुनः विचार करने की मांग की है। साथ ही संयुक्त अभिभावक संघ ने दावा किया है कि 75 % से अधिक अभिभावक बिना वेक्सिनेशन बच्चों को स्कूल भेजना ही नही चाहते है।
संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि राज्य सरकार ने केवल निजी स्कूलों के दबाव में आकर एकतरफा निर्णय लेकर अभिभावकों पर तुगलकी फरमान जारी कर दिया है। यह आदेश केवल निजी स्कूलों को संरक्षण देने के उद्देश्य लिया गया निर्णय है जिससे निजी स्कूल संचालक मनमाने तरीके से अभिभावकों पर अनैतिक दबाव बनाकर फीस वसूल सके और अभिभावकों को प्रताड़ित व अपमानित कर सके।
प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा ही सेवा है के स्तर को गिराकर शिक्षा ही व्यवसाय है के मार्ग को बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा गठित मंत्री समूह में कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोलने की सहमति के बाद मुख्यमंत्री ने आदेश पारित कर दिए, उस मंत्री समूह में प्रदेश के शिक्षा मंत्री भी शामिल है जो खुद लगातार सितम्बर माह में तीसरी लहर की आहट को देखते हुए लगातार चेतावनी जारी कर रहे है, खुद राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सितम्बर माह से कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी कर रहे है खुद मुख्यमंत्री आवास से बाहर नही निकल रहे है उसके बावजूद बच्चों की जिंदगी दांव पर लगाना कहा तक जायज है। जबकि स्कूल खोलने के निर्णय पर अभिभावकों से कोई विचार-विमर्श तक नही किया गया वही स्कूल संचालकों के साथ बन्द कमरों में बैठकर निर्णय थोपे जा रहे है। जिन लोगो के बच्चों को पढ़ना है जिन लोगो को फीस चुकानी है उनकी तो राज्य सरकार सुन ही नही रही है और जिन लोगो को मनमर्जी करनी है, मनमाने तरीके से फीस वसूली है उनको राज्य सरकार सर आंखों पर बिठा रही है।
*स्कूल तो खुले किन्तु स्कूल और सरकार अपनी जिम्मेदारी भी तय करें, बिना सुरक्षा और स्वास्थ्य गारंटी के नही भेजेंगे स्कूल*
प्रदेश महामंत्री संजय गोयल ने कहा कि अभिभावक भी चाहता है अब स्कूल खुल जाने चाहिए, बच्चों की पढ़ाई बिल्कुल भी सफर नही करनी चाहिए, इससे बच्चों के भविष्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है किंतु अभिभावकों की मांग है कि स्कूल खुलने के साथ-साथ राज्य सरकार और स्कूलो को बच्चो की सुरक्षा और स्वास्थ्य की गांरटी और जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अभिभावक वर्तमान समय मे बहुत ही विकट दौर से गुजर रहा है काम-धंधों और रोजगार के अभाव से पीड़ित है ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को पहल करते हुए उन्हें संबल प्रदान करना चाहिए