Trending Now












बीकानेर,राज्य सरकार ने राज्य में शिक्षक स्थानांतरण नीति तैयार करने के लिए पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ओंकार सिंह की अध्यक्षता में 2 सदस्य समिति का गठन किया था।

इस समिति ने फरवरी 21 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौप दी थी। सरकार इस समिति द्वारा प्रस्तुत की गई तबादला नीति की समीक्षा के लिए एक वर्ष पूर्व 4 मार्च 21 को तत्कालीन प्रमुख शासन सचिव शिक्षा तथा भाषा विभाग की अध्यक्षता में बैठक भी आयोजित कर चुकी है।

शिक्षा मंत्री डा बी डी कला ने भी पद संभालने के बाद शिक्षकों को आश्वासन दिया था कि जल्दी ही तबादला नीति को जनवरी तक फ इनल कर दिया जाएगा तथा उसके ओंकार सिंह की अध्यक्षता में दो बाद शिक्षकों के तबादले किए तबादला आवेदनों से तबादले होगे में स्थानांतरण नियम बने हुए हैं। राजनीतिक द अभिनंतर तबादल किए जाएंगे लेकिन अब तक न तो तबादला नीति को  अंजाम दिया गया है और न ही शिक्षकों के तबादले ही “किए गए हैं।

सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों से आनलाइन आवेदन तो ले लिए लेकिन उनके तबादले कब होंगे, ये खुद सरकार ही बता नहीं पा रही। आनलाइन आवेदनों में 85 हजार शिक्षकों ने इस आशा में अपने आवेदन किए थे कि उन्हें जल्दी ही हो जाते हैं। अपने इच्छित स्थान पर जाने का अवसर मिलेगा लेकिन अब तक उनका ये सपना पूरा नहीं हो सका है। शिक्षा मंत्री डा कल्ला ने जनवरी 22 तक तबादला नीति फाइनल करने की बात कही थी लेकिन फरवरी का महीना भी बीत चुका है अब तक शिक्षकों को यह पता नहीं है कि उनके द्वारा ऑनलाइन किए गए तबादले आवेदनों से तबादले होंगे दीया यह फिर रद्दी की टोकरी में समा जाएंगे सरकार ना तबादला नीति बना रही है ना नियम सरकार दावे तो ऐसे करती है जैसे वह शिक्षकों के तबादले नीति से कराना चाहती है लेकिन हकीकत से ना तो वह नीति बना पा रही है और ना ही नियम जबकि कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में स्थानांतरण नियम बने हुए हैं पंजाब और दिल्ली राज्य में तबादला नीति बनी है राजस्थान में ना तो नीति है और ना ही तबादलों के नियम जब भी सरकार तबादले करती है दिशा निर्देश जारी कर उसी अनुसार तबादले करती है हर बार दिशानर्देशों में संशोधन भी किए जाते हैं अधिकतर तबादले राजनीतिक दबाव में होते रहे हैं।

जानकारों का कहना है कि कर्नाटक तथा आंध्र प्रदेश में तबादला नियम बने हुए हैं। वहां उन्हीं नियमों से हर वर्ष तबादले होते हैं। ये नियम • विधानसभा द्वारा पारित किए गए हैं। इन राज्यों में रिक्त पदों को डिस्प्ले पर दर्शाया जाता है। शिक्षक उन रिक्त पदों में से अपने इच्छित स्थान पर आवेदन करता है तथा बिना किसी राजनैतिक हस्तक्षेप से नियमानुसार तबादला होते ही संबंधित पद भरे होने तथा जहां से उसका तबादला होता है वो पद रिक्त दर्शाने लगता है। इस तरह शिक्षक अपना आवेदन करता है और रिक्त पद होने पर उसका स्वत ही तबादला आदेश जारी है।

Author