बीकानेर,हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के सिर जीत का सेहरा बंधवाने वाली ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के राजस्थान में जमीन पर उतरने पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.ताजा घटनाक्रम के मुताबिक केन्द्रीय वित्त आयोग के चेयरमैन एन.के. सिंह ने ओपीएस को देश की अर्थव्यवस्था और प्रदेश की वर्तमान हालत के लिए अन्यायपूर्ण बताया है. वहीं सिंह इस विषय में सभी राज्य सरकारों को कड़ी आपत्तियों के साथ चेतावनी पत्र भी भेज रहे हैं. हाल में हुई आयोग की बैठक में ओपीएस को लेकर अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की है. वहीं बीते दिनों नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने भी योजना के लागू करने को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए थे.
बता दें कि राजस्थान सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मार्च महीने में प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम का ऐलान किया था.माना जा रहा है कि 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले ओपीएस को लेकर काफी बवाल हो सकता है. वहीं बीजेपी ने अभी तक ओपीएस को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
दरअसल देश में फिलहाल 15वां वित्त आयोग काम कर रहा है और आयोग का काम राज्यों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार केन्द्रीय वित्तीय भंडार से योजनाओं के लिए पैसा आवंटित करने का होता है. ऐसे में ओपीएस को लेकर आयोग की इस टिप्पणी के बाद गहलोत सरकार को बड़ा झटका लग सकता है. इसके अलावा केन्द्र सरकार चाहें तो योजना को राज्यों में लागू करने से रोक भी सकती है.
हिमाचल में चली कांग्रेस की ओपीएस
मालूम हो कि हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में ओपीएस लागू करने का वादा किया था. वहीं सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को हिमाचल सरकार के शपथ ग्रहण के बाद ऐलान किया है कि वह पहली कैबिनेट बैठक में ही ओल्ड पेंशन स्कीम को प्रदेश में लागू करेंगे.
इधर राजस्थान में भी कांग्रेस ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर उत्साहित हैं लेकिन स्कीम के लिए 41 हजार करोड़ की जरूरत है जिसको लेकर अब सवाल उठने लगे हैं. जानकारों का कहना है कि गहलोत सरकार को योजना को लागू करने के लिए केंद्र से पैसे की जरूरत है और केंद्रीय वित्त आयोग की आपत्तियों के बाद वह कैसे प्रदेश में योजना को लागू करेंगे.
गहलोत ने पीएम को लिखा पत्र
गौरतलब है कि ओपीएस को लेकर सीएम गहलोत लगातार मुखर हैं और केंद्र सरकार से इसे लागू करने की मांग कर रहे हैं. बीते दिनों गहलोत ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर पूरे देश में ओपीएस लागू करने की मांग की थी.
इधर अर्थशास्त्री मोंटेक सिंह आहलुवालिया और केन्द्र सरकार के नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने भी ओल्ड पेंशन स्कीम को करदाताओं पर झटका बताया था. हालांकि राहुल गांधी ने भी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इस स्कीम की तारीफ की है.