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नई दिल्ली, जेएनएन। उत्तर भारत में हवा का रुख बदलने लगा है। सुबह और शाम में मौसम बदला-बदला नजर आ रहा है। भारत में सर्दियों की शुरुआत शरद पूर्णिमा के बाद से मानी जाती है। ऐसे में इस बार कितनी ठंड पड़ेगी इसका एक अनुमान लगाया गया है। मौसम विभाग के एक अनुमान के मुताबिक, इस साल देश में ठंड ज्यादा ठिठुरन पैदा करने वाली होगी। इस बार की ठंड पिछले कुछ सालों की तुलना में ज्यादा तेज होने वाली है।
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर-पूर्व एशिया में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। देश के उत्तरी इलाकों में पारा अगले दो दिन में तीन डिग्री सेल्सियस तक और गिर सकता है। उत्‍तर-पश्चिमी हवाओं के कारण दिल्‍ली में अगले सप्‍ताह तक तापमान 13 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान है। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएगी, जिससे और भी ज्‍यादा ठंड का अहसास होगा।
यह अनुमान सुदूर प्रशांत महासागर में हुए मौसम के बदलावों की वजह से लगाया जा रहा है। वैज्ञानिक अपनी भाषा में इस बदलाव को च्ला नीनाज् (्रद्य हृद्बठ्ठड्ड) प्रभाव बता रहे हैं। मौसम की इस स्थिति के लिए ला नीना को जिम्मेदार बताया जा रहा है। प्रशांत क्षेत्र में ला नीना उभर रहा है। आमतौर पर इसका अर्थ है कि उत्तरी गोलार्ध में तापमान का सामान्य से कम रहेगा। इसका असर उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार पर दिख सकता है। मौसम विभाग ने बताया कि मौसम में असामान्य परिवर्तन नहीं है। अक्टूबर के आखिरी में ठण्ड दस्तक दे देती है।

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