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बीकानेर,महाराजा गंगासिंह विश्व विद्यालय के कुलपति ने विवि के अष्टम दीक्षांत समारोह एवं एक विंशती: ( 21 वें) स्थापना दिवस पर कुलाधिपति की महिमा मंडन करके छात्रों को क्या संदेश दिया? कुलपति मनोज दीक्षित ने कार्यक्रम के तय प्रोटोकॉल से बाहर जाकर दीक्षांत समारोह में राज्यपाल का मंच से यशोगान किया। उनका इस तरह बेवजह स्तुति करने से छात्रों की जीवन पर क्या असर पड़ेगा? शायद कुलपति ने सोचा नहीं होगा। सभागार में ही इस भाषण पर टिप्पणियां होना शुरू हो गई। राज्यपाल और कुलाधिपति बेशक योग्य और अच्छे नेता रहे ही हैं तभी राज्यपाल पद पर हैं। फिर भी उनके इस स्तुति गान का दीक्षांत समारोह से क्या संबंध है? दीक्षांत समारोह की कार्यक्रम सूची में राज्यपाल से पहले कुलपति को बोलना ही नहीं था। राज्यपाल की सुदीर्घ राजनीतिक पारी का दीक्षांत समारोह में छात्रों और ऑडियंस को यह बताने की क्या जरूरत थी। कल राज मिश्र उत्तर प्रदेश में मेरे क्षेत्र से विधायक रहे। वे मंत्री और उत्तर प्रदेश में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रहे। उत्तर प्रदेश के पर्यटन विकास में उनका योगदान रहा। कल राज मिश्र ने जिनको अंगुली पकड़ कर राजनीति का क ख ग सिखाया वे आज राष्ट्रीय राजनीति के शिखर पर है। केंद्रीय मंत्री के रूप में जब मैं लखनऊ वि वि में था तब पर्यटन पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की। मिश्र ने केंद्रीय मंत्री के रूप में सार्थक भूमिका निभाई। हिमाचल के राज्यपाल रहे। यह भाषण कुलपति पद की गरिमा के खिलाफ है। राज्यपाल अगर कुलपति के बहुत नजदीकी हैं तो ऐसी बातें दीक्षांत समारोह के मंच से तो शोभा नहीं देती। फिर राजस्थान में राज्यपाल का प्रभार संभाला। उनके कामों की फिर प्रसंशा की। क्या दीक्षांत समारोह राज्यपाल के गुणगान के लिए आयोजित क्या गया या छात्रों की दीक्षित करने के खातिर? चार विधायक कुलपति का यह भाषण सुन रहे थे। इन्होंने कुलपति के बारे में क्या सोचा होगा। कुलपति मनोज दीक्षित जो खुद यूपी के हैं वे कल राज मिश्र का ऐसा गुणगान करने लगे जिसका दीक्षांत समारोह, उपस्थित श्रोताओं से कोई संबंध नहीं था। दीक्षांत समारोह की अपनी गरिमा होती है जहां दीक्षित होने वाला विद्यार्थी हर एक्शन का सूक्ष्मता से आकलन करता है। कलराज मिश्र से कुलपति अपनी निकटता दिखाने और उनका गुणगान के मायने अच्छे नहीं रहे। छात्र सभागार में टिप्पणियां करने लगे कि गुणगान तो करेगा ही राज्यपाल की कृपा से ही कुलपति जो बने है।

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