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बीकानेर,हिन्दू धर्म में रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहनों के प्रेम का प्रतीक माना गया है. ये पर्व हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस दौरान बहनें अपने भाइयों की समृद्धि और लंबी आयु के लिए, उनकी कलाई पर रंग-बिरंगी राखियां बांधती हैं. वहीं भाई भी अपनी बहनों को उनकी रक्षा का वचन देते हैं और उपहार देते हैं. हिन्दू पंचांग अनुसार, रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. वहीं अंग्रेज़ी कैलेंडर अनुसार ये त्योहार जुलाई या अगस्त के महीने में आता है. वर्ष 2021 में श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त (शनिवार) शाम 7 बजकर 3 मिनट से आरंभ होगी और उसकी समाप्ति अगले दिन 22 अगस्त (रविवार) शाम 5 बजकर 33 मिनट पर होगी.ऐसे में इस वर्ष ये वर्ष 22 अगस्त को ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा.

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन 22 अगस्त 2021 (रविवार)
राखी बांधने का मुहूर्त- सुबह 06:14:56 बजे से शाम 17:33:39 बजे तक
अवधि-11 घंटे 18 मिनट
रक्षा बंधन अपराह्न मुहूर्त- दोपहर 13:41:54 बजे से शाम 16:17:59 बजे तक

ः Raksha Bandhan 2021: भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को सुनाई थी रक्षा बंधन की यह पौराणिक कथा

हिंदू पंचाग के अनुसार हर साल रक्षाबंधन का त्योहार श्रवण नक्षत्र में मनाया जाता है. मगर इस बार यह सावन पूर्णिमा पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ मनाया जाएगा. इस बार राखी पर भद्रा का साया भी नहीं होगा और इस बार सभी बहनें पूरा दिन भाई को राखी बांध सकती हैं. साथ ही रक्षाबंधन के दिन कुंभ राशि में गुरु की चाल वक्री रहेगी और इसके साथ चंद्रमा भी वहां मौजूद रहेगा.

474 साल बाद बना ये संयोग
हिंदू पंचाग के अनुसार इस बार रक्षाबंधन पर सिंह राशि में सूर्य, मंगल और बुध ग्रह एक साथ विराजमान रहेंगे. सिंह राशि का स्वामी सूर्य है. इस राशि में मित्र मंगल भी उनके साथ मौजूद रहेंगे. इसी के साथ शुक्र कन्या राशि में होगा. ग्रहों का ऐसा योग बेहद शुभ और फलदायी माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र की मानें को रक्षाबंधन पर ग्रहों का ऐसा दुर्लभ संयोग 474 साल बाद बन रहा है. इससे पहले 11 अगस्त 1547 को ग्रहों की ऐसी स्थिति बनी थी.भाग्यशाली होता है ये योग
इसी के साथ गुरु और चंद्रमा के इस मिलन से रक्षाबंधन पर गजकेसरी योग बन रहा है, क्योंकि जब चंद्रमा और गुरु केंद्र में एक दूसरे की तरफ दृष्टि कर बैठे हैं तो यह योग बनता है और यह योग लोगों को भाग्यशाली बनाता है. इससे लोगों की धन संपत्ति, मकान, वाहन जैसे सुखों की प्राप्ति होती है. गज केसरी योग बनने से राजसी सुख और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति भी होती है.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

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