बीकानेर,केस एक :- नयाशहर थाना क्षेत्र में डेढ़ साल पहले पीआर ज्वैलर्स के यहां चोरी हुई। पुलिस ने एक चोर को पकड़ा। अफसोस ज्वैलर्स शोरूम से ५०० ग्राम सोने एवं २० किलो चांदी के आभूषण चोरी हुए लेकिन पुलिस अब तक महज ५ किलो ३२५ ग्राम चांदी ही बरामद कर पाई है।
केस दो :- नयाशहर थाना क्षेत्र में ही हींग की फैक्ट्री से विभिन्न ब्रांड की ११८ किलो हींग चोरी हुई। चोर पकड़े गए। पुलिस ने चोरों से ७० किलो ही हींग बरामद की। ४८ किलो हींग आज तक बरामद नहीं हो पाई है। चोरी हुई हींग लाखों रुपए की है।
केस तीन :- जामसर थाना क्षेत्र के मालासर गांव में श्रीजसनाथ महाराज के मंदिर व बाड़ी के महंत के घर पर करीब ८० लाख रुपए के सोने-चांदी के जेवर व नकदी चोरी हुए। पुलिस अब तक इस चोरी का खुलासा ही नहीं कर पाई है।
केस चार :- जेएनवीसी थाना क्षेत्र के तिलकनगर में एक मकान से चोरों ने करीब पांच लाख रुपए का सामान व सोने-चांदी के जेवर चुराए। पुलिस ने इस मामले में चोरों को पकड़ कर दो लाख का माल बरामद कर इतिश्री कर ली जबकि तीन लाख का माल अभी तक बकाया है। जो माल बरामद किया वह भी पीडि़त को मिला नहीं हैं।
बीकानेर। चोर-बदमाश आमजन की गाढ़ी कमाई लूट ले जा रहे हैं। पुलिस उन्हें पकडऩे में विफल है। जीवनभर की कमाई लुटने से अब आम आदमी हिम्मत हार चुका हैं। पुलिस से चोरी हुआ माल वापस दिलाने की उम्मीदें टूटती नजर आ रही है। पुलिस चोरों के हौसलों के आगे पस्त है। पुलिस चोरी की दो वारदात का खुलासा करती है तब तक आठ नई वारदातें हो चुकी हैं। पुलिस एक भी चोरी में १०० प्रतिशत माल बरामद नहीं कर पा रही हैं। बड़ी विडम्बना है कि चोर पकड़े जाते हैं लेकिन माल बरामद नहीं होता। इससे भी बड़ी चिंता की बात है कि चोरी का माल बरामद करने के बावजूद उसके मालिक को नहीं मिल रहा है। वह थानों में जब्त है अथवा कोर्ट में।
पीडि़तों का दर्द…
चोर जीवनभर की कमाई लूट ले जा रहे है। हम मेहनत करने वाले दुख देख रहे हैं। बार-बार पुलिस के चक्कर निकाल रहे हैं जबकि चोर चोरी के माल से ऐश कर रहे हैं, जिन्हें पुलिस का कोई खौफ नहीं हैं। चोरी की वारदात कर पकड़े जाने के बाद कुछ ही महिनों में बाहर आकर फिर से चोरी की वारदातें कर रहे हैं। चोरी के बढ़ते मामले इस बात के गवाह है कि चोर बेलगाम है, जिन पर पुलिस का कोई अंकुश नहीं हैं। इसी का परिणाम है कि चोर पकडऩेे के बावजूद माल बरामद नहीं हो रहा।
पुलिस दावों की पोल खोलते आंकड़े
जिलेभर में हर दूसरे दिन दो से तीन बाइक चोरी हो रही है। थानों में दर्ज होने वाली रिपोर्ट से ही पता चलता है कि वाहन चोर सक्रिय है। जिले में इस साल अब तक ३३९ बाइक चोरी हो चुकी हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो हर साल ५०० से अधिक बाइक चोरियां हो रही है। चोरी हुई बाइकों में से ५० फीसदी भी पुलिस बरामद नहीं कर पा रही है। पुलिस जो बाइकें बरामद की है वह थानों में पड़ी हैं, जिन्हें कोई छुड़ाने ही नहीं आ रहा।
आंकड़ों पर नजर
वर्ष कुल
२०१८ ३५५९
२०१९ ५३२२
२०२० ४३५०
२०२१ २३६३
वर्ष नकबजनी के मामले
२०१८ १११
२०१९ १८६
२०२० १६२
२०२१ १०३
वर्ष चोरी के मामले
२०१८ २८२
२०१९ ४७५
२०२० ४०२
२०२१ १८७
पुलिस की अपनी मर्यादा
चोर पकड़े जाते हैं, जिनसे माल भी बरामद होता है। चोर चोरी हुए माल को खुर्दबुर्द कर देते हैं। वह ऐशो-आराम पर खर्च कर देते हैं। पुलिस कानून की हद में रह कर सख्ती करती है। इसके बावजूद चोरी के मामलों में १०० फीसदी रिकवरी नहीं हो पाती है। चोरी का बरामद माल थानों में जमा रहता है जो न्यायालय की प्रक्रिया के बाद ही परिवादी को सौंपा जाता है। पुलिस अपनी तरफ से परिवादी को तुरंत राहत दिलाने के लिए प्रयासरत रहती है लेकिन कई बार अथक प्रयासों के बावजूद सफलता नहीं मिल पाती।
शैलेन्द्रसिंह इंदौलिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर (आईपीएस)