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बीकानेर लाचू कॉलेज कर्मचारी संग्रह समिति के तत्वाधान में बैठे पीड़ित कर्मचारी लगातार 22 में दिन भी शांतिपूर्ण अनशन पर बैठे हुए हैं का ले काले प्रबंधन व प्रशासन की तानाशाही वह है धार्मिकता लगातार जारी है अपनी जायज मांगों के लिए धरने पर बैठे 29 कर्मचारियों को कॉलेज प्रशासन ने जबरन अनिवार्य सेवानिवृत टी तथा उनके साथ समर्थन में आए अन्य कर्मचारी यो को निलंबित दिनांक 13 सितंबर 2023 को कर दिया है इस कृत्य से पीड़ित कर्मचारी वी उन पर आश्रित परिवार के सभी सदस्यों का एक तरह से मानसिक व आर्थिक शोषण हो गया है साथ ही उनका भविष्य अंधकार में होगा हो गया है पीड़ित कर्मचारी ने प्राचार्य महोदय को ज्ञापन लेने हेतु निवेदन किया परंतु उन्होंने कर्मचारियों से ज्ञापन लेने से इनकार कर दिया कॉलेज प्रशासन ने पीड़ित कर्मचारियों को कॉलेज में प्रवेश करने से रोकने के लिए मुख्य द्वार पर तथा पूरे परिसर में भारी संख्या में बाउंसर होमगार्ड एवं सुरक्षाकर्मी तैनात कर रखे हैं आज अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष श्री केसर सिंह जी चंपावत वरिष्ठ जिला अध्यक्ष जोधपुर इंदौर विक्रम सिंह चौहान तथा रमेश चंद्र जी उपाध्याय तकनीकी प्रदेश अध्यक्ष एकीकृत महासंघ जल भवन जयपुर में धरना स्थल पर पधार कर पीड़ित कर्मचारियों को मार्गदर्शन वी उत्सवर्धन कियाउन्होंने अपने जोशीले भाषण से कर्मचारियों में जोश जगाया तथा अन्य साथी कर्मचारियों को अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया महासंघ ने हमारी जायज मांगों के लिए समर्थन देने की अपील की तथा हमारी आवाज मुख्यमंत्री जी तक पहुंचाने का आश्वासन दिया श्री केसर सिंह जी चंपावत ने कहा की लाचू कॉलेज प्रशासन द्वारा कॉलेज में जो परिवार वाद अपना रखा है उसकी जांच कराने हेतु निश्चित रूप से सरकार से आग्रह करेंगे तथा सरकार से कॉलेज में प्रशासन नियुक्त करने की भी अपील करेंगे यदि कॉलेज प्रशासन ने कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो सभी कर्मचारी महासंघ मिलकर बड़ा आंदोलन करेंगे इंद्र विक्रम सिंह चौहान ने कहा कि कॉलेज में दमनकारी रवैया के कारण कर्मचारियों के परिवार पर संकट खड़ा हो गया है इसे दुर्भाग्यपूर्ण वी शर्मनाक बात क्या हो सकती है रमेश चंद्र उपाध्याय ने कहा सरकार की अरबो रुपए की जमीन पर कुठार घाट किया है लांचू कॉलेज कर्मचारी संग्रह समिति के सदस्यों ने महासंघ के आए हुए पदाधिकारी का भार वक्त किया। *सादर प्रकाशक संपादक महोदय जी*

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