बीकानेर,नई दिल्ली. देश में इस समय एडवांस और हाइटेक एक्सप्रेसवे की संख्या तेजी से बढ़ रही है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के बाद पीएम मोदी ने कई एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया.
इन एक्सप्रेसवे पर कई सुविधाएं दी जा रही हैं साथ ही यात्रा का समय भी आधा हो गया है. अब इतना जबरदस्त रोड मिलेगा तो जाहिर सी बात है टोल टैक्स (Toll Tax) भी चुकाना ही होगा. एक्सप्रेसवे बनने के बाद कई लोग जानना चाहते हैं इस मार्ग पर टोल-टैक्स कितना देना पड़ेगा? कहां-कहां पर टोल टैक्स के लिए प्लाज़ा होंगे? लेकिन हम आपको एक और बात बताते हैं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें टोल नाका पर कोई टैक्स नहीं देना होता है.
देश में कुछ गाड़ियां ऐसी भी होती हैं, जिन्हें कोई टोल नहीं देना होता है. परिवहन मंत्रालय ने इसे लेकर एक बकाअदा एक लिस्ट भी जारी की है, जिसमें करीब 25 लोगों को टोल टैक्स नहीं देना होता है. बता दें कि वाहनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सड़क का निर्माण कराने हेतु टोल टैक्स का उपयोग किया जाता है. यह भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) पर नियंत्रण में है. टोल वसूलने के लिए भारत सरकार द्वारा फास्टैग पेश किया गया है जो कैशलेस टोल ट्रैवल भुगतान प्रक्रिया है.
इन गाड़ियों को नहीं देना होता है टोल टैक्स
भारत में कई गाड़ियां ऐसी होती हैं जिन्हें बिना टोल दिए जानें दिया जाता है. इनमें भारत के राष्ट्रपति, भारत के उपराष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री, किसी भी राज्य के राज्यपाल, भारत के चीफ जस्टिस, लोक सभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, किसी राज्य के मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट जज, संघ के राज्य मंत्री, केंद्र शासित प्रदेश के लेफ्टिनेंट गवर्नर, पूर्ण सामान्य या समकक्ष रैंक के रैंक वाले चीफ ऑफ स्टाफ, किसी राज्य की विधान परिषद के सभापति, किसी राज्य की विधान सभा के अध्यक्ष, हाई कोर्ट चीफ जस्टिस, हाई कोर्ट जज, सांसद, थल सेनाध्यक्ष के सेना कमांडर और अन्य सेवाओं में समकक्ष, राज्य सरकार के मुख्य सचिव, भारत सरकार के सचिव, सचिव, राज्यों की परिषद, लोक सभा, सचिव की गाड़ियां शामिल हैं.
इन्हें भी मिलती है छूट
अर्धसैनिक बलों और पुलिस सहित वर्दी में केंद्रीय और राज्य सशस्त्र बल, एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, फायर फाइटर डिपार्टमेंट, शव वाहन को भी टोल टैक्स नही देना पड़ता है. इनके अलावा राजकीय यात्रा पर आए विदेशी गणमान्य, किसी राज्य की विधान सभा का सदस्य और अपने संबंधित राज्य के भीतर किसी राज्य की विधान परिषद का सदस्य, यदि वह राज्य के संबंधित विधानमंडल द्वारा जारी अपना पहचान पत्र दिखाता है तो उसे टोल टैक्स नहीं देना पड़ता.