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बीकानेर,दुनियाभर में ज्यादातर देश इस समय महंगाई की चपेट में हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। जिस तेजी से वैश्विक फूड प्राइस इंडेक्स में इजाफा हो रहा है, वह साफ बता रहा है कि लोगों के घरों का बजट बुरी तरह से बिगड़ने लगा है। इंडेक्स दावा करता है कि 2015 की तुलना में अब तक खाद्य पदार्थों की कीमतों में 60 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है। वहीं, भारत की खुदरा महंगाई दर भी आसमान छू रही है, जो यह साबित कर रही है कि देश के भीतर अब घर चलाना आसान काम नहीं रह गया है। खुदरा महंगाई दर 6.95 फीसदी के रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है, जो आरबीआइ के अनुमान 6 फीसदी से कहीं ज्यादा है।

देश में अनाज, तेल और डीजल-पेट्रोल की कीमतों ने महंगाई को हवा देने का काम किया है। जनवरी में खुदरा महंगाई दर ने छह फीसदी का आंकड़ा छुआ था, जो अब सात के करीब पहुंच गया है। मार्च माह में लगातार तीसरे महीने खुदरा महंगाई दर आरबीआइ के लक्षित दायरे से ज्यादा रही। आरबीआइ ने सरकार को खुदरा महंगाई दर 2-6 फीसदी के बीच सीमित रखने को कहा है। मार्च महीने की महंगाई दर का आंकड़ा काफी अहम है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत दरों की समीक्षा के समय खुदरा महंगाई दर के आंकड़े को ध्यान में रखता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार इसमें राहत देने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए आगे आएगी। दरअसल, रूस और यूक्रेन में युद्ध हो रहा है, लेकिन इसका असर पूरी दुनिया पर हो रहा है। क्रूड ऑयल के बढ़े

दामों ने पूरी दुनिया में डीजल-पेट्रोल के दामों को प्रभावित कर दिया है। वहीं,खाद्य पदार्थों की बढ़ी कीमतों ने दोहरी मार की है। लेकिन, अब सवाल यही है कि आखिर क्या किया जाए, जिससे आम आदमी को निजात मिले। विशेषज्ञ पहले ही कह चुके हैं कि सरकार को खपत आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना चाहिए। इसके लिए सरकार को कुछ चीजों के दामों में कटौती करने की जरूरत है। मसलन, पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स कम किया जाए, जिससे इनके दामों में कमी आएगी और ये महंगाई को कुछ हद तक प्रभावित करेंगे। इसके साथ ही दूसरी और जरूरी चीजों पर टैक्स कम करके राहत दी जा सकती है। इससे महंगाई में राहत मिलेगी और खपत बढ़ेगी। खपत बढ़ने से सरकार के टैक्स कम करने से हुए नुकसान की भरपाई संभव हो सकेगी। यह ऐसा समय है, जब सरकारों को महंगाई को कम करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। वे अपनी नीतियों को सुधारने का प्रयास करें, जिससे आम आदमी राहत की सांस ले सके, क्योंकि महंगाई बढ़ेगी तो जीवन कठिन हो जाएगा।

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