
बीकानेर,आर्ष न्यास अजमेर एवं वैदिक शोध संस्थान बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में आर्य समाज के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में पर्यावरण पोषण यज्ञ समिति एवं समस्त आर्य समाज बीकानेर के सौजन्य से विद्वत् संवाद परिचर्चा राष्ट्रवाद और वसुधावाद वेद व महर्षि दयानंद की दृष्टि में का वृहद आयोजन दिनांक 4 व 5 अक्टूबर को होने जा रहा है। छोटी काशी के नाम से मशहूर बीकानेर में भारत को संपूर्ण विश्व में उचित स्थान प्रदान करने एवं विश्व गुरु की गरिमा प्राप्त करने के उद्देश्य से संपूर्ण भारत से पधार रहे विद्वान, मुनी, विचारक एवं गणमान्य व्यक्तित्व विचारों का मंथन परिचर्चा के माध्यम से करेंगे तथा सामान्य जनों को सत्संग का लाभ प्रदान करेंगे। बीकानेर की जनता के लिए संपूर्ण भारत के विद्वानों से साक्षात्कार का यह एक सुअवसर होगा।
2 दिन चलने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन चार परिचर्चा सत्रों एवं दो सत्संग सत्रों में किया जाएगा। अध्यात्म के विभिन्न क्षेत्रों में अपना वर्चस्व रखने वाले मूर्धन्य विद्वानों के साथ बीकानेर के प्रबुद्ध जन एवं सामान्य नागरिक भरपूर संख्या में इसमें भाग लेंगे। आयोजन समिति के अनुसार सभी सत्र सामान्य जनों के लिए पूर्ण रूप से खुले हैं तथा समस्त आगंतुकों का स्वागत किया जाएगा। बीकानेर वासियों का सौभाग्य है कि उनके लिए संपूर्ण भारत से ज्ञान की अलख जगाने वाले विद्वान अपने अमूल्य समय को प्रदान कर बीकानेर की पुण्य धरा पर सकारात्मक सोच एवं संस्कारों के शोध हेतु पधार रहे हैं। भारतीय संस्कार तथा मूल्य एवं उनका आधुनिक जगत में महत्व को इन परिचर्चाओं में बड़े ही सरल ढंग से रखा जाएगा। प्राचीन काल से ही भारत अध्यात्म, विज्ञान, गणित तथा अन्य क्षेत्रों में अपनी पहचान रखता आया है परंतु हमने पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण कर अपने सांस्कृतिक मूल्यों का ह्रास किया है। वेदों एवं उपनिषदों द्वारा प्रदत्त इन्हीं मूल्यों की पुनर्स्थापना कर समाज की चेतना को पुर्नजागृत करना ही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
मा प्रग्राम पथो वयम्।।
अर्थात है ईश्वर!
हम वेदों के उत्तम मार्ग से भटक ना जाए