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बीकानेर,शिक्षा के मामले में समूचा समुदाय एकमत हो और इसमें राजनीति न हो तथा नवाचारों की प्रचुरता हो इसके लिए समुदाय की सक्रिय भागीदारी नितांत आवश्यक है।पूर्व मंत्री वीरेंद्र बेनिवाल ने समग्र शिक्षा अभियान की ओर से वेटेरिनरी सभागार में आयोजित सामुदायिक गतिशीलता कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए ये विचार जताए।बेनीवाल ने कहा कि वास्तव में समय का कुशल प्रबंधन करके हम विद्यालयों में बेहतरीन नवाचार कर सकते हैं और विद्यालय विकास एवम प्रबंधन समितियां इसके लिए उचित मंच है।बेनिवाल ने कहा कि हालांकि जन सहभागिता जुटाना मुश्किल कार्य है लेकिन संस्था प्रधान अपने कौशल से इसे प्राप्त कर सकते हैं।उन्होनें राजेरा गांव का उदाहरण देते हुए कहा कि भामाशाहों ने वहां स्कूल के लिए 4 बीघा जमीन दान में दे कर बड़ा उदाहरण पेश किया है।पूर्व मंत्री ने उपस्थित शिक्षा अधिकारियों एवम प्रधानाचार्यों से अपेक्षा की कि वे जिम्मेदारी पूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे।
अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक हेतराम सारण ने कार्यशाला का विषय परावर्तन करते हुए कहा कि शैक्षिक परिवेश सहित अन्य माकूल व्यवस्था कायम कर शिक्षा का विकास करना सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है जिसे पूरे प्रयासों से पूरा करना है।सारण ने कहा कि वार्षिकोत्सव के आयोजन से जिस प्रकार से अभिभावकों का सक्रिय जुड़ाव हुआ है वो निरंतर बना रहे और एसएमसी एवम एसडीएमसी में पारदर्शिता पूर्वक कार्य किया जाता रहे।
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ राजकुमार शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि शैक्षणिक विकास के लिए विद्यालय प्रबंधन समितियों का सक्रिय होना बहुत जरूरी है।उन्होनें कहा कि समुदाय की सहभागिता से कोई भी कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण हो सकता है।वेटरनरी विश्विद्यालय के प्रोफेसर डॉ सुभाष गोस्वामी ने शैक्षिक परिवेश पर बोलते हुए कहा जब हमारे विद्यालय हर तरह से शिक्षित और विकसित विद्यार्थी उपलब्ध करवाएंगे तभी कॉलेज एवम विश्वविद्यालय अपनी सक्षम भूमिका निभा सकेंगे।उन्होनें कहा ज़न साधारण एवम शिक्षाविदों के मध्य सार्थक संवाद एवम सतत संपर्क बना रहना चाहिए।उन्होनें समग्र शिक्षा अभियान द्वारा अयोजित सामयिक कार्यशाला को बेहद उपयोगी बताया।
राजेश यादव,संतोष मेहरड़ा,अमित साध ने विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला।सहायक परियोजना अधिकारी कैलाश बड़गुर्जर,कार्यक्रम अधिकारी पृथ्वीराज लेघा,फारूख अहमद,चित्रलेखा आदि ने विषयवार कार्य संपादन किया।कार्यक्रम में सहायक अभियंता धर्मेंद्र कुमावत,सहायक निदेशक ओम प्रकाश गोदारा,कार्यक्रम अधिकारी शिव शंकर चौधरी,लेखाकार रामचंद्र बिश्नोई,अजय बारहठ,रामदान,भुवनेश साध,रामकिशोर,प्रदीप श्रीमाली,यशपाल पंवार,सुमन आर्य,सीमा सोनी,सुनीता सियाग,उमराव कंवर सहित अनेक शिक्षाविद उपस्थित थे।
इससे पूर्व सरस्वती के चित्र के आगे दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।अतिथियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन महेंद्र सिंह शेखावत ने किया।

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