बीकानेर,प्रशासन शहरों के संग अभियान को कोविड की तीसरी लहर देखते हुए एकबारगी विराम दे दिया गया है। इसके बावजूद पट्टे बनाने के लिए जो आवेदन दिए गए थे उनका काम जारी रखना था। स्थिति यह है कि यूआईटी ने जहां अधिकांश आवेदनों पर पट्टे जारी कर दिए वहीं नगर निगम इन मामलों में टालमटोल की नीति अपनाए हैं। यूआईटी ने 2426 आवेदकाें में से 2026 यानी 83.51 प्रतिशत काे पट्टा दे दिया। इससे इतर निगम में 594 ही आवेदन आए इनमें से भी 229 यानी 38.55 प्रतिशत काे ही पट्टा जारी किया गया। मतलब यह कि 61.44 प्रतिशत आवेदन लंबित पड़े हैं।
ऐसी ढेराें फाइलें हैं जिनके कागज भी पूरे हैं। निगम की ओर से आवेदक काे भी काेई कमी पूरी करने के लिए नहीं कहा गया। फिर भी 85 दिन में पट्टा निगम नहीं दे पाया। मुख्यमंत्री से लेकर नगरीय विकास मंत्री और पूर्व कलेक्टर नमित मेहता भी निगम अधिकारियाें काे कामकाज सुधारने के लिए कह चुके हैं। आईएएस अभिषेक खन्ना काे जब आयुक्त लगाया तब काम में कुछ गति आई। उनके जाने तक करीब पाैने दाे सौ पट्टे बन गए थे।
उसके बाद काम फिर ठप-सा हाे गया। वह भी तब जब इस काम में निगम आयुक्त से लेकर डीटीपी, लीगल सेल, राजस्व अधिकारी समेत दर्जनाें कार्मिक जुटे हैं। फिर भी लाेगाें काे तीन से चार महीने में पट्टा मिल पा रहा है। उसी काम काे नगर विकास न्यास एक से दाे सप्ताह के भीतर कर रहा है। काेराेना की तीसरी लहर के कारण एक बार ताे प्रशासन शहराें के संग अभियान थम गया लेकिन जाे आवेदन पहले से जमा है उनमें से वाजिब आवेदक काे तीन से चार महीने में भी पट्टा नहीं दिया गया।
यूआईटी के सिर्फ 22 आवेदन शेष
प्रशासन शहराें के संग अभियान जब थमा तब नगर विकास न्यास के पास 189 आवेदन पेंडिंग थे। गुरुवार तक न्यास के पास सिर्फ 22 आवेदन पेंडिंग बचे। उसके बाद फिर आवेदन जमा होने लगे। चार फरवरी तक यूआईटी में 2426 आवेदन जमा हुए जिसमें 2068 पट्टे बन गए। 358 आवेदन जमा हाे गए। न्यास के उपसचिव अशाेक अग्रवाल के मुताबिक शेष आवेदन भी एक सप्ताह में पूरे कर दिए जाएंगे। नगर निगम में 69 ए के 594 आवेदन जमा हुए थे। उसमें अभी भी 229 निस्तारित कर दिए गए हैं। 365 प्रकरण अभी भी लंबित हैं। पट्टा अभियान प्रभारी जगदीश खीचड़ का कहना है कि कार्मिक या कुछ अधिकारियों के छुट्टी पर जाने की वजह से विलंब हुआ लेकिन जल्दी ही सभी पात्र लाेगाें काे पट्टे दिए जाएंगे।
इधर निगम का अलग खेल
सरकार ने आमजन की सुविधा के लिए प्रत्येक नगर निगम में नगर मित्र बनाए थे। इसके लिए कुछ एजेंसियों को इसका काम सौंपा था। बीकानेर में युवा संस्थान, इंद्राक्षी, भादू और जे.वी.एंटरप्राइजेज काे ये जिम्मा साैंपा था लेकिन पट्टा इन चार में से सिर्फ एक ही एजेंसी के बन रहे है। बाकी तीन नगर मित्र एजेंसी के पट्टाें काे साइड किया जा रहा है। इसके पीछे पट्टे के पीछे चल रहा खेल माना जा रहा है।
नगर निगम ने डीटीपी के साथ कुछ तकनीकी, क्लर्क, आईटी एक्सपर्ट समेत हायर किए हैं जाे एक विशेष कंपनी के आवेदनाें काे ज्यादा तवज्जाे दे रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि निगम प्रशासन भी उन फाइलाें काे निस्तारित करने में देरी नहीं कर रहा। ये कार्मिक चूरू की एक फर्म से हायर किए गए हैं। जे.वी.एंटरप्राइजेज ने ताे निगम आयुक्त काे लंबित 44 फाइलाें के पट्टे बनाने का पत्र भी शुक्रवार काे साैंपा। जाे 17 नवंबर से लंबित हैं।