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बीकानेर,राजस्थानी साहित्य अकादमी बीकानेर के एक साहित्यकार का कहना है कि उसकी कृति की 15 लोगों ने समीक्षा की जो एक दर्जन विभिन्न प्रमुख पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई ।माणक ,शिविरा पत्रिका यहां तक अकादेमी की जागती जोत में भी समीक्षा प्रकाशित हुई है लेखक उन लेखक लेखिकाओं तक को ,देखा तक नहीं खेद व्यक्त करते हुए उस लेखक का कहना है कि निर्णायक मंडल के हाथो से भी वो कृति गुजरी है।लेखक का कहना है कि जिसको भी सम्मान पुरस्कार आपसी बंदर बांट मे दिया गया वे लेखक व निर्णायक मंडल गलत आचरण करेंगे ,तो फिर समाज में स्वस्थ साहित्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती , बेदाग व्यक्तित्व के धन्नी एकेडमी के अध्यक्ष को गुमराह कर ये जो बंदर बांट की घोषणा हुई है साहित्य जगत मे थू थू हो रही है। इस कृत्य से भाषा साहित्य क्षेत्र में सुखद संदेश नही जाएगा ।
मामे रो बयांव मां पुरस्गारी, रात अंधारी , थोड़ो क्यूं पुरषै हत्यारी ।

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