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बीकानेर। बारह प्रकार के धर्मों में सेवा को ही श्रेष्ठ बताया गया है। जीवन में कहना बहुत सरल है, लेकिन सेवा करना बहुत कठिन होता है। उक्त विचार साध्वी सौम्यदर्शना ने बुधवार को रांगड़ी चौक स्थित पौषधशाला में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सेवा से ही सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं, सेवा ही अनजाने व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित कर सकती है। खासतौर पर जरुरतमंद को दी गई सेवा अत्युत्तम होती है। इससे पूर्व साध्वी अक्षयदर्शना ने क्रोध को दूर करने व विनय के साथ ज्ञान अर्जित करने पर व्याख्यान दिया। चातुर्मासिक आयोजन के मुख्य लाभार्थी सुरेन्द्र जैन बद्धानी ने कहा कि साध्वीवृंद के प्रवेश से लेकर आज तक कोचर फ्रेंड्स क्लब व श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ श्रीसंघ सेवा कार्यों में निरंतर जुटे हैं। बद्धानी ने कहा कि रोजाना तपस्याओं के पारणे व चातुर्मास के एक माह के भीतर तीन बड़े कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन भी किया है। आज की संघपूजा का लाभ इंद्रचंद जयप्रकाश सत्यप्रकाश कोचर परिवार द्वारा लिया गया।

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