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बीकानेर,देश के सबसे बड़े त्योहारो में से एक दिवाली का त्योहार में अब कुछ ही दिन बचे है ओर दिवाली का त्योहार मिठाई ओर पटाखों के बिना अधूरा माना जाता है लेकिन इस बार आपकी जेब पर पटाखे भारी पड़ने वाले है क्योंकि दिवाली सिर पर है तो वहीं पटाखा व्यापारियों के सामने चुनौतियां ऐसी जिसके चलते पटाखों की कीमतों में 30-40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.कोरोना के चलते पिछले दो सालों से सभी त्योहारों पर रोक थी ओर लोग घरों में रहकर कोरोना प्रोटोकॉल की पालना कर रहे थे, लेकिन इस बार दिवाली पर कोरोना का साया नहीं होने से ख़ुशी है. जहां एक तरफ मजदूरों को काम मिल रहा है तो वहीं पटाखा व्यावसायिक से लेकर आम जनता में उत्साह दिखाई दे रहा है ओर इस साल पटाखों के व्यवसाय में मुनाफ़े की अच्छी उम्मीद जगी है.

दो साल से थे प्रतिबंध

इस साल दिवाली पर पटाखे जलेंगे भी ओर कई घरों में ख़ुशियां लाएंगे भी. पिछले साल राज्य सरकार ने पटाखे छोड़ने ओर बेचने पर कई प्रतिबंध लगाये थे, लेकिन इस बार प्रतिबंध ना होने के चलते पटाखों की बिक्री का रास्ता साफ़ कर दिया है, ऐसे में बीकानेर ही नहीं बल्कि राज्य के तमाम पटाखा व्यावसायियों के साथ-साथ मज़दूरों के चेहरे मुस्कान से भरे नज़र आ रहे हैं. राजस्थान में दिवाली पर पटाखों का कारोबार हर साल 400 करोड़ के आकड़े को छूता रहा हैं लेकिन पिछले साल कई प्रतिबंध के चलते ये आंकड़ा बहुत कम दिखा. पटाखों का स्टोक गोदामों में भरा रह गया लेकिन इस बार कारोबार के बढ़ने की उम्मीद जतायी जा रही है. बीकानेर में बनती है फुलझड़ियां

प्रदेश में नज़र डाले तो बीकानेर में फुलझड़ियां बनाने का काम ज़ोरों से होता है यहा कारीगर दिवाली के साथ साथ साल भर फुलझड़ियाँ बनाते है ओर इसकी सप्लाई बाहर भी की जाती है ऐसे में करखानो में कारीगर अपने काम में जुट गए है ग्रीन पटाखों पर ज़ोर देते हुए एक तरफ़ व्यवसायी दिवाली के दो दिन अच्छी मात्रा में आतिशबाजी की उम्मीद लगाए बैठे है तो वही अब पटाखे बनाने वाले कारीगरों को काम मिला है ओर उनकी दिवाली पिछले साल की तुलना मेंअच्छी रहने वाली है वही प्रदेश में 40 हज़ार से भी ज़्यादा कारीगर इस काम में जुटे है ऐसे में बीकानेर संभाग के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ में भी पटाखों की फेक्ट्रीया है जहां बड़ी मात्रा में पटाखे बनते है तो वही जयपुर, अलवर, भरतपुर ओर अजमेर बड़े केंद्रो में शामिल है. राजस्थान में बनने वाले पटाखे, फुलझड़ी के उत्पादन राज्य के अलावा हरियाणा, पंजाब, गुजरात, यूपी ओर दिल्ली जैसे राज्यों में बिकते है लेकिन इस बार उम्मीद है कि अन्य राज्यों में ये बिके, पटाखा व्यवसाय विरेंद्र किराडु का कहना है कि इस बार व्यवसाय की उम्मीद है लेकिन पीछे से कम रॉ मेटीरियल आने से पटाखों के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है. इस साल की दिवाली सभी के जीवन में रोशनी लाए , सभी के घर जगमगाए , पटाखों की आतिशबाज़ी के बीच आसमान पॉज़िटिव एनर्जी से लबरेज़ हो जाए ओर आपका जीवन ख़ुशियों से भर जाए. ऐसी उम्मीद की जा रही है.

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