बीकानेर,गाय-गोचर का एक ऐसा भी जनांदोलन :- राजस्थान गोधन बाहुल्य वाला प्रदेश है। गोधन ग्रामीण आबादी में आज भी आजीविका का सम्बल है। गोचर औऱ गोबर -गोमूत्र की अर्थवत्ता से गो आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जा सकता है। इन दोनों मुद्दों पर देशभर में काम हो रहा है। केंद्र और राज्यों की सरकारों की प्राथमिकता में दोनों मुद्दे सूची में नहीं है। इन मुद्दों पर नीति बनाने के लिए जन चेतना जगी है। जनता के बीच से जनांदोलन करवट ले रहा है। यह जनांदोलन रचनात्मक है। जनता खुद कर रही है सरकार और संस्थाओं को जुड़ना है। इससे बहु आयामी क्रांति का सूत्रपात होना है। दत्तशरणानंद जी महाराज राजस्थान की यात्रा पर है सन्त मण्डली इस यात्रा के मंच से गो संरक्ष्ण, गो संवर्द्धन, गो महात्म्य, पंचगव्य, गो अभ्यारण्य, गोचर सरक्षण की प्रतिज्ञा, गो चिकित्सालय, गो संवर्द्धन केंद्रों का संचालन आदि विषयों पर सन्देश दिया जा रहा है। बीकानेर में जन सहयोग से पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी के नेतृत्व में गोचर की चारदीवारी निर्माण का काम चल रहा है। गोचर रक्षा का जन चेतना से यह अद्भुत काम हो रहा है। इसी तरह राजस्थान गो सेवा परिषद के मंच से विभिन्न संगठनों के सहयोग से गोपालकों को गोबर -गोमूत्र का पैसा दिलाने गोबर से खाद व गोमूत्र से कीटनाशक बनाने की दिशा में वेटरनरी विवि के साथ एमओयू के तहत हर जिले में प्रशिक्षण देने की योजना पर काम चल रहा है। इस यात्रा से गोचर ओर गो संरक्ष्ण की दिशा में जनता की सक्रियता और जाग्रति बढ़ेगी। वहीं राजस्थान सरकार कोई सकारात्मक कदम उठाएगी ऐसी उम्मीद है।
गौचर के हीरो ( १ ) : – गोचर के प्रति जन जागृति का ऐसा संचार हुआ है कि सरकार और समाज अकल्पित कार्यों को होता देख रहे है । कोई कल्पना ही नहीं कर सकता कि हजारों बीघा गोचर की चार दीवारी भी हो सकती है ? गोचर संरक्षण से ऐसा अद्भुत काम होगा कि वन्य जीव जंतु , वनस्पति औऱ वन्य सम्पदा का स्वत: ही संरक्षण और संवर्द्धन हो जाएगा। प्रकृति चक्र से पर्यावरण संरक्ष्ण होगा। इस काम को सरकार, ब्यूरोक्रेसी औऱ राजनेता स्तब्ध होकर देख रहे हैं। इस काम में लगे लोग खुद का हानि लाभ और स्वार्थ त्याग कर दिन रात लगे हैं। यह तो स्पष्ट दावा है कि सरकारी तंत्र करोड़ों रुपए का प्रोजेक्ट बनाकर , धन खर्च कर ऐसा काम नहीं कर सकते। इसके हीरो देवी सिंह भाटी है। उनके मन में यह पवित्र और नि:स्वार्थ भावना कैसे जगी यह तो भगवान ही जाने, परन्तु यह बात पुख्ता है कि इस काम के पीछे उनका इतर उद्देश्य नहीं है। इस काम से जनता में भाटी का राजनीतिक उपलब्धियों का जीवन एक तरफ औऱ गोचर का काम एक तरफ है। जनता से खूब सराहना औऱ सम्मान मिला है। भाटी के साथ जनता और गोचर के काम में पहले से ही सक्रिय लोगों के अलावा उनकी टीम के देव किशन चांडक, मोहन सिंह नाल, राजेन्द्र सिंह किलचु, प्रभु राम डूडी, महावीर रांका, विजय उपाध्याय, सूरज प्रकाश राव जैसा सैकड़ों हीरो हैं जो चार दीवारी निर्माण में तन,नम, धन से समर्पित होकर लगे हैं। देखते ही देखते गोचर के एक किलोमीटर परिधि की आगोर बनाकर वर्षा जल संग्रह के लिए तलाई बना दी। उसी आगोर में 22 पौधे लगाए दिए। ये टीम गोचर के हर काम में भारतीय सैनिक की भांति सनद रहती है। जन जागृति की ऐसी मिसाल है कि आव्हान के साथ सहयोग के लिए जनता तैयार बैठी है।