बीकानेर,शहीदों के बताए हुए मार्ग का अनुसरण करना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि है और फ्रेंडस एकता संस्थान यह काम बख़ूबी और मुसलसल कर रही है।’ यह उद्गार व्यक्त किए वरिष्ठ साहित्यकार आलोचक मालचंद तिवाड़ी ने। वे फ्रेंड्स एकता संस्थान राजस्थान की जानिब से शहीद अशफ़ाक़ उल्लाह ख़ान वारसी ‘हसरत’ के यौमे-शहादत पर आयोजित दो दिवसीय समारोह के अंतिम दिन अध्यक्षीय उद्बोधन के रूप में अपने विचार पेश कर रहे थे।
संस्थान के अध्यक्ष नौजवान शायर वली मोहम्मद ग़ौरी ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर निगम के पूर्व महापौर एवं नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष हाजी मक़सूद अहमद थे। इस मौक़े पर हाजी मक़सूद अहमद ने शहीदों की क़ुर्बानी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व क़ुर्बान कर दिया। मैं उन्हें श्रद्धा से नमन करता हूं। हमें देश के बच्चों में बहादुरी का जज़्बा भरने की ज़रूरत है।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि के तौर पर डूंगर कॉलेज की उर्दू प्रोफ़ेसर डॉ. असमा मसूद मौजूद थी। डॉ.मसूद ने इस सराहनीय कार्य के लिए संस्था की सराहना करते हुए कहा कि शहीदों की शहादत को याद करना हम सब की नैतिक ज़िम्मेदारी है और फ्रेंड्स एकता संस्थान अपनी ज़िम्मेदारी को बख़ूबी निभा रही है। मैं संस्थान के तमाम अराकीन को इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए मुबारकबाद पेश करती हूं।
सम्मान समारोह का आग़ाज़ मुफ़्ती अशफ़ाक़ ग़ौरी ‘उफ़क़’ ने तिलावते कलाम पाक के साथ किया। साथ ही आपने समारोह में मौजूद तमाम अतिथियों एवं आगंतुकों का इस्तक़बाल भी किया। आपने शहीद अशफ़ाक़ उल्लाह ख़ान वारसी हसरत का कलाम भी सुनाया।
संस्थान के अध्यक्ष वली मोहम्मद ग़ौरी ने विषय प्रवर्तन करते हुए जहां दो दिवसीय समारोह के उद्देश्य एवं महत्व पर रोशनी डाली वहीं संस्था का परिचय भी पेश किया।
इस अवसर पर नगर की चार अदबी एवं समाजी शख़्सियतों का सम्मान किया गया। राजस्थानी साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए युवा साहित्यकार संजय पुरोहित,हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए युवा गीतकार संजय आचार्य वरुण, उर्दू अदब के क्षेत्र में बेहतरीन ख़िदमात अंजाम देने के लिए नौजवान शायर बुनियाद हुसैन ज़हीन और सामाजिक ख़िदमात एवं बहादुरी के साथ अपने कर्तव्य को पूरा करने वाले सिटी कोतवाली के कॉन्स्टेबल शब्दल अली को सम्मान पेश किया गया।
सम्मान के क्रम में अतिथियों द्वारा तमाम सम्मानित शख़्सियतों को माल्यार्पण, श्रीफल, शॉल, सम्मान पत्र एवं निशान-ए-यादगार पेश किया गया। सम्मान पत्रों का वाचन शायर क़ासिम बीकानेरी ने किया जबकि सम्मानित शख़्सियतों का परिचय क्रमशः मनीषा आर्य सोनी, डॉ. ज़ियाउल हसन क़ादरी, असद अली असद और क़ासिम बीकानेरी ने प्रस्तुत किया।
समारोह के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा शहीद अशफ़ाक़ उल्लाह ख़ान वारसी हसरत के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। दोनों दिन के समारोह के अतिथियों एवं कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली शख़्सियतों को संस्थान की तरफ से स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
समारोह में नगर के अनेक प्रबुद्ध जन मौजूद थे जिनमें वरिष्ठ राजस्थानी कवि कथाकार कमल रंगा, वरिष्ठ शायर ज़ाकिर अदीब, कवि कथाकार संस्कृतिकर्मी राजेंद्र जोशी, अप्सरा ख़ान अब्बासी, निर्मल कुमार शर्मा, गोविंद जोशी, इरशाद अज़ीज़, इंद्रा व्यास, सय्यद अख़्तर अली, साबिर गोल्डी, गिरिराज पारीक, आत्माराम भाटी गुलफ़ाम हुसैन आही, राजकुमार ग्रोवर, मोहम्मद यासीन, हरि कृष्ण व्यास, साग़र सिद्दीक़ी, डॉ. मोहम्मद फ़ारुक़ चौहान, जाकिर हुसैन नेता, मंजू गोस्वामी, मास्टर अनीस अहमद, मास्टर आरिफ़, गुलज़ार हुसैन, इज़हार अब्बासी,अदीम अब्बासी,बाबूलाल छंगाणी एवं मोहम्मद ज़रीफ़ मौजूद थे। अंत में आभार डॉ.ज़ियाउल हसन क़ादरी ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम का सरस संचालन शायर क़ासिम बीकानेरी ने किया।
संवाद प्रेषक
वली मोहम्मद ग़ौरी