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बीकानेर। शिक्षा को लेकर सरकार व शिक्षा विभाग की ओर से भले ही बड़े-बड़े दावे किये जा रहे हो लेकिन हालात यह है कि कहीं प्राप्त स्टाफ नहीं है तो कहीं विद्यार्थियों के बैठने के लिए कमरे नहीं है। कहीं कमरे तो बने हुए है लेकिन वे बैठने लायक नहीं है, क्योंकि पूरी तरह से जर्जर अवस्था में पड़े है। इसी तरह जिले की बड़ी पंचायत पांचू में सरकारी चार स्कूल है, लेकिन इन स्कूलों में अध्यापक नहीं है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। जिससे नाराज ग्रामीणों व अभिभावकों ने सोमवार को शिक्षा निदेशालय के बाद विरोध-प्रदर्शन किया। यहां ग्रामीणों ने बताया कि पांचू पंचायत बीकानेर जिले की बड़ी पंचायत है। जिसमें चार हाई सैकण्डरी स्कूलें है, लेकिन अध्यापकों के पद रिक्त पड़े है, विद्यार्थियों को पढ़ाने वाला कोई नहीं है। कुछ में दो अध्यापकों का स्टाफ है तो कुछ में तीन का। इनमें भी अध्यापकों को अतिरिक्त चार्ज दे रखा है, जिसके कारण वे भी बच्चों को ठीक से पढ़ाई नहीं करवा पा रहे हैं ऐसे में बच्चे शिक्षा से वंचित रह रहे है। साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन से हमारी दूसरी मांग यह है कि स्कूलों में विज्ञान व कॉमर्स विषय भी होना चाहिए, क्योंकि इन विषयों के लिए गांव के बच्चों को दूर-दराज क्षेत्रों में पढ़ाई करने के लिए जाना पड़ रहा है जो कि महंगा पड़ रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं हुई तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।

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