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बीकानेर,12वीं के 4 लाख अभ्यर्थियों की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 28 फरवरी को समाप्त हो चुकी है। 24 मार्च से बोर्ड की वार्षिक परीक्षाएं है। लेकिन संस्था प्रधान वार्षिक परीक्षा की तैयारियों को छोड़ वार्षिकोत्सव मनाने में व्यस्त हैं। दरअसल, 31 मार्च को बजट लैप्स हो जाएगा। इसलिए राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने 15 मार्च से पहले वार्षिकोत्सव मनाने के निर्देश जारी किए हैं।

उधर, 10वीं बोर्ड के एग्जाम 31 मार्च से हैं। वही होम एग्जाम अप्रैल में प्रस्तावित है। शहरी क्षेत्र के स्कूल विलंब से खुलने के कारण अनेक स्कूलों में स्टूडेंट्स का कोर्स अभी पूरा नहीं हुआ है। 10वीं- 12वीं बोर्ड कक्षाओं का सिलेबस पूरा हो चुका है। टीचर रिवीजन कराने में जुटे हुए हैं। वार्षिकोत्सव बीच में आने से स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित होगी।

अनेक शिक्षक संगठनों ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर वार्षिकोत्सव को स्थगित करने की मांग रखी है। शिक्षकों का कहना है कि परीक्षा से 20-25 दिन पहले का समय पढ़ाई के लिए जरूरी है। इसमें यदि टीचर और बच्चे दूसरे कामों में व्यस्त होंगे तो रिजल्ट पर असर पड़ेगा।

परीक्षाओं का शेड्यूल

12वीं- 24 मार्च से 26 अप्रैल

10वीं- 31 मार्च से 26 अप्रैल

दोहरी मार: रिजल्ट खराब तो चार्जशीट
कोरोना के चलते 9वी-11वीं कक्षा में विद्यार्थी बिना परीक्षा ही 10वीं और 12वीं में पहुंचे हैं। ऐसे में बच्चों को पढ़ाई पर ज्यादा फोकस करना होगा। यदि बच्चों का रिजल्ट बोर्ड परीक्षा में कम रहा तो संस्था प्रधान और व्याख्याताओं को 17 सीसी की चार्जशीट मिलेगी।

सरकार ने 3 मार्च को होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को आगे कर स्टूडेंट्स को पढ़ाई का अतिरिक्त समय दिया है। लेकिन इस दौरान वार्षिकोत्सव होने से स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित होगी। राज्य सरकार को चाहिए कि वार्षिकोत्सव पर तुरंत रोक लगाई जाए। – रामकृष्ण अग्रवाल, प्रदेशाध्यक्ष, शिक्षक संघ अरस्तु

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