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बीकानेर। एक तरफ जहां सरकार से रोना रोया जाता है कि हमारे पास नर्सिंगकर्मी ही नहीं है,दूसरी तरफ नर्सिंग कर्मियों से योग्यता के विरुद्ध टेक्नीशियन का कार्य लिया जा रहा है जो कि नियम विरुद्ध है प्रशासन इस पर मौन धारण किए हुए है क्योंकि जब कभी इलाज में कोताही या असुविधा का नर्सिंग कर्मी कमी का हवाला दिया जाता है हमारे पास नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध नहीं है इस वजह से इलाज में कमी रह गई या पूर्ण सेवाएं नहीं दे पाए लेकिन दूसरी तरफ इसका उल्टा नर्सिंग कर्मियों को वार्ड से हटाकर ऑक्शन प्लांटों पर टेक्नीशियन का कार्य किया जा रहा है जिनमें राउण्ड द क्लोक तीन कर्मचारी हर प्लांट पर लगे हुए हैं। राजस्थान के अंदर तकरीबन 473 प्लांट कार्यरत हैं जिन पर 12:00 सौ के तकरीबन नर्सिंग कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। जब इतनी बड़ी संख्या में नर्सिंग कर्मचारियों को तकनीकी कार्य में लगाया जाएगा तो लाजमी है नर्सिंग कर्मियों की कमी तो होनी ही है अत: नर्सिंग कर्मियों को अपने मूल पद वार्ड के अंदर लगाए जावे प्लांटों पर प्रशिक्षित तकनीकी स्टाफ को लगाया जाए जो कि इंतजार में बैठे हुए हैं।

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