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बीकानेर, बीकानेर में ब्याज माफियाओं का जाल फैलता ही जा रहा है। काली कमाई को काले तरीके से उधार देकर पहाड़ जैसा ब्याज वसूलने वाले ये माफिया ना भगवान से डरते हैं और ना ही कानून से। पुलिस ने भी संज्ञान लेना शुरू कर दिया है। बावजूद इसके भी ब्याज का धंधा करने वाले माफियाओं से मुक्ति नहीं मिल रही है। महज, छोटी रकम को ब्याज पर उधार देने वाले छुटकर ही कानून के पंजे में फंस रहे हैं।

तहकीकात में सामने आया है कि ब्याज के इस खेल से हजारों घरों का सत्यानाश कर चुके इन माफियाओं में सटोरिए, तस्कर, नेता सहित वे लोग भी शामिल हैं जो समाज के बीच में सफेद लिबास धारण किए हैं। ये लोग राजनीतिक ताकत रखते हैं तो वहीं थानों में भी इनकी उठ बैठ अच्छी रहती है। दूसरी तरफ शहर में तोलियासर भेरूजी गली, खजांची मार्केट, बी सेठिया गली, के, एम, रोड,स्टेशन रोड से लेकर गांवों तक व्याज माफियाओं का कारोबार चलता है हजारों परिवार इन माफियाओं के चंगुल में फंसकर पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं। यूं तो हजारों उदाहरण हैं मगर एक मामला हम आपको बताते चलते हैं। एक युवक ने एक ब्याज माफिया से 1.75 लाख रूपए उधार लिए थे। युवक ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि उसको 17 माह बाद 30 लाख रूपए में घर बेचना पड़ा। 1 लाख 75 का ब्याज चुकाने के लिए बार बार उधारी लेनी पड़ी। हालात यह हुए घर बिक गया, उसके बाद भी हिसाब बराबर करने के लिए परिवार के एक व्यक्ति से मदद लेनी पड़ी। अब वह शहर में नौकरी कर अपना गुजारा कर रहा है। उसका सपना है कि कभी फिर से खुद का घर बना पाए।सूत्रों का कहना है कि मजबूर आदमी को जब साहूकार पैसे नहीं देता तो उसे ऐसे ब्याज माफियाओं की शरण में जाना पड़ता है। एक बार इन ब्याज माफियाओं के चंगुल में जो फंसा फिर या तो उसे सुसाइड करना पड़ता है या घर बेचकर पैसे चुकाने पड़ते हैं। ऐसे सैंकड़ों तस्कर और अपराधी मिल जाएंगे जो इन्हीं ब्याज माफियाओं के चंगुल में फंसकर अपराधी बनने को मजबूर हो गए। क्रिकेट सट्टा भी मौत के ब्याज माफियाओं के पनपने का एक कारण है। जिन युवाओं के सट्टे में पैसे लगते हैं, वें पैसा चुकाने‌ के लिए 10 रूपए, 20 रूपए सैकड़ा तक पैसे उधार ले लेते हैं। बता दें कि मौत के ब्याज से घरों को बर्बाद करने वाले ये माफिया मारपीट करने में भी पीछे नहीं हटते। पैसे देते हैं तो ब्लैंक स्टांप पेपर पर साइन करवाते हैं। ब्लैंक चेक लेते हैं। सोना, चांदी, जमीन, वाहन तक गिरवीं रख लेते हैं। पीड़ित अगर शिकायत करें तो उसे जान से मारने की धमकी तक दे देते हैं। गंगाशहर थाना क्षेत्र से जुड़े एक ब्याज माफिया का दुस्साहस तो इस हद तक था कि घरों में घुसकर मारपीट करने से लेकर औरतों की सौदेबाजी तक की बात कर लेता था। वहीं ऐसे मामले भी खूब आते हैं जब पैसे ना मिलने पर झूठे रेप केस तक करवा दिए जाते हैं।

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