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बीकानेर, राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ के 11 सूत्री मांग पत्र को लेकर 1 सितंबर से चल रहे आंदोलन के तृतीय चरण में आज प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर जिलाध्यक्ष मनोज सुथार के नेतृत्व में समस्त ग्राम विकास अधिकारियों ने प्रशासन गांवों के संग अभियान के प्री कैम्पों व ग्राम सभाओं का बहिष्कार कर अपनी मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही के आदेश जारी करने की मांग के साथ जिला कलेक्टर बीकानेर व मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद् बीकानेर को आग्रह पत्र सौंपा ।आज ग्राम विकास अधिकारियों के प्री कैम्पों व ग्राम सभाओं के बहिष्कार के चलते जिले में एक भी प्री कैंप और ग्रामसभा नहीं हो पाई ।

राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ अपने 11 सूत्री मांग पत्र को लेकर विगत 3 वर्षों से लगातार ज्ञापन देकर शासन एवं सरकार का ध्यान आकर्षण कर रहा है लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देशों एवम् नो लिखित समझौतो के बाद भी शासन एवम् सरकार के द्वारा मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं की जा रही है ।
शासन एवं सरकार के उपेक्षात्मक रवैए से आहत होकर प्रदेश के ग्राम विकास अधिकारियो ने प्रशासन गांव के संग अभियान से ठीक पहले सरकार एवं शासन पर दबाव बनाने के लिए आंदोलन प्रारंभ किया है । 16 अगस्त को प्रदेश के समस्त ब्लॉक एवं जिला स्तरीय अधिकारियों को मुख्यमंत्री के नाम आग्रह पत्र दिया गया एवम 26 अगस्त को प्रदेश के समस्त निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को आग्रह पत्र भेटकर मांगो पर सकारात्मक कार्यवाही की मांग की गई ।

इसके पश्चात भी कार्रवाई नहीं होने पर ग्राम विकास अधिकारियो ने 1 सितंबर से समस्त ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार कर रखा है एवं 8 सितंबर से समस्त राजकीय व्हाट्सएप ग्रुप से लेफ्ट हो गए।।

प्रदेश की 352 पंचायत समितियों में धरना प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे ग्राम विकास अधिकारियों ने सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए 18/09/21को धरना स्थल से ही प्रशासन गांवों के संग अभियान के प्री कैंपस एवम् गांव सभाओं के बहिष्कार का निर्णय लिया था।
जिला अध्यक्ष मनोज सुथार ने बताया कि प्रदेश के ग्राम विकास अधिकारी सरकार की सर्वाधिक जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर लागू करते है लेकिन राज्य सरकार एवं पंचायती राज विभाग रिक्त पदों पर भर्ती एवं 5 वर्षो से लंबित पदोन्नति , जिला कैडर परिवर्तन नीति जैसी सामान्य प्रशासनिक मांग भी पूर्ण नहीं कर रहा है।

इससे प्रदेश के ग्राम विकास अधिकारियों में जबरदस्त आक्रोश है।
संयुत मंत्री लक्षमीनारायण उपाध्याय ने बताया कि यदि सरकार के द्वारा हमारी मांगों का शीघ्र निस्तारण नहीं किया जाता है तो ग्राम विकास अधिकारी संघ आर पार का संघर्ष करेगा एवं 2 अक्टूबर से आयोजित होने वाले प्रशासन गांवों के संग अभियान का पूर्ण बहिष्कार करेगा।
आग्रह पत्र देने के दौरान भागीरथ आचार्य, संदीपसिंह, लक्षमीनारायण आदि ग्राम विकास अधिकारियों ने भाग लिया ।

*यह है मुख्य मांगे* ।
ग्राम विकास अधिकारियों की वेतन विसंगति दूर कर ग्रेड पे 3600/ करना ।
9,18 एवं 27 वर्ष की सेवा पर एसीपी के स्थान पर पदोन्नति पद का चयनित वेतनमान स्वीकृत करना।

4000 रिक्त पदों पर भर्ती करना।
जिला केडर परिवर्तन नीति लागू करना,

5 वर्षों से लंबित पदोन्नतियां करना,

केडर स्ट्रैंथन के लिए उच्च पद स्वीकृत करना, डी आर डी ए कार्मिकों को नियमित करना , नो लिखित समझौते लागू करना तथा ग्राम पंचायत स्तर पर ऑनलाइन जटिलताओं को दूर करना, पट्टो के नामांतरण, रूपांतरण, हस्तांतरण एवं बटवारा की प्रक्रिया जारी करना, जटिल निर्माण नीति को सरल करना एवं पावर ऑफ शेड्यूल को संशोधित करना।

*यह कार्य होंगे प्रभावित*
ग्राम विकास अधिकारियों के आंदोलन से सर्वाधिक प्रभाव प्रशासन गांव के संघ अभियान पर पड़ेगा क्योंकि इन अभियानों की समस्त व्यवस्थाएं व व्यक्तिगत लाभ के अधिकांश कार्य ग्राम विकास अधिकारी द्वारा ही संपादित किए जाते हैं ।
इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्र में महानरेगा योजना में नियोजित होने वाले लाखों श्रमिक बेरोजगार हो जाएंगे, सात लाख से ज्यादा प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी प्रभावित होंगे , स्वच्छ भारत मिशन योजना पूरी तरह प्रवाहित होगी, केंद्रीय वित्त आयोग एवं राज्य वित्त आयोग के द्वारा किए जाने वाले समस्त विकास कार्य ठप हो जाएंगे जन्म एवम् मृत्यु पंजीयन, विवाह पंजीयन, जनाआधार सत्यापन, खाद्य सुरक्षा योजना, सामाजिक न्याय एवम अधिकारिता विभाग की समस्त योजनाएं पूरी तरह ठप हो जाएगी

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