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बीकानेर,बीकानेर में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट को लेकर यह दावा किया गया है कि इस दौरान 115 इकाइयों की ओर से 30,519.88 करोड़ रुपए के एमओयू होंगे। इनसे कुल 18 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें 14,032 लोगों को प्रत्यक्ष तथा 4,839 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का लाभ मिलेगा। यें दावे कितने सच है प्रस्तावों का विश्लेषण कर जाना जा सकता है। पहली बात तो इस समिट के दौरान बीकानेर के उत्पाद को प्रमोट करने के लिए सिरेमिक्स, ऊन और नमकीन को चयनित किया है। बीकानेर के ये उत्पाद तो पहले से ही अन्तरराष्ट्रीय पहचान बनाए हुए हैं। इनको कहां प्रमोट करेंगे। प्रशासन सरकार और जनता को कैसे दिवा स्वप्न दिखाकर अपनी वाहवाही और कार्य कुशल होना बता रही है। दरअसल जो चयनित उत्पाद है उनका राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय बाजार पहले से ही है। इन उत्पादों के चलते बीकानेर की भी पहचान है। अगर प्रमोट करने के लिए बीकानेर के उत्पादों का चयन किया जाना है तो लाख की पोट्ररी, छपाई रंगाई, उस्ता कला, वुडन फर्नीचर, डेयरी उत्पाद, मथेरण कला की वस्तुएं, ज्वैलरी, हाईवैल्यू सिलिका का चयन किया जाना चाहिए था।

खैर कागजी खानापूर्ति के लिए चयनित उत्पादों पर व्यापारियों की प्रतिक्रिया प्रशासन के साथ व्यापारियों की मिटिंग के बाद आ गई। मिटिंग में शामिल व्यापारी बताते हैं कि प्रशासन को समिट करवानी है इस कारण ऐसा करना प्रशासन की मजबूरी है। बाकी प्रस्तावों और बातों में कोई सार्थकता नहीं है। कोई इन प्रस्तावों और कही गई बातों के धरातल पर जाए तो प्रशासन की पोल खुल जाएगी। बीकानेर में उत्पादन फैक्टर फेवर में होने से सोलर ऊर्जा के प्रस्ताव बिना प्रशासन की पहल के स्वत आ रहे हैं। यह भारत सरकार की नीति के तहत सोलर ऊर्जा प्रोजेक्ट बढ़ रहे हैं। एग्रो फूड एण्ड प्रोसेसिंग यहां कृषि जिन्सों के उत्पादन क्षेत्र होने के कारण पहले से ही है और बढ़ता जा रहा है। दाल, भुजिया, पापड़, रसगुल्ले, सिरेमिक्स, ज्वैलरी उद्योग उत्पादन की अनुकूलता के कारण वर्षों से पनप रहे है। बीकानेर उद्योगिक विकास के कुछ प्रस्ताव वर्षों से प्रशासन और राज्य सरकार के पास विचाराधीन पड़े हैं। प्रशासन और सरकार ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। उनमें से कुछ प्रस्तावों को इस नए एजेण्डे में शामिल कर लिया गया है। पर्यटन और होटल व्यवसाय को बढ़ावा देने में सरकार और प्रशासन ने कुछ किया हो तो व्यापारियों को बताएं। ज्वैलरी उत्पादन का कलस्टर, ड्राई पोर्ट, मेगा फूड पार्क, ऊन उद्योग को बढ़ावा देने के प्रस्तावों और गैस पाइप लाइन के बिना ये प्रस्ताव कारगर कितने होंगे? इस बात पर व्यापारियों से सर्वे करके धरातल का पता लगाया जा सकता है। नमकीन उत्पादन की बड़ी इकाइयों लगाने के पुराने प्रस्ताव भी सिरे नहीं चढ रहे हैं। झूठे दावों से जनता या सरकार गुमराह हो सकती है। धरातल का सच नहीं बदल सकता। बीकानेर में सोलर, वूलन, सेरेमिक, पर्यटन और खाद्य आधारित उत्पादों के क्षेत्र में माना की भरपूर संभावनाएं हैं। फिर भी सोलर प्लांट को छोड़कर बाकी में नए उद्योग कहां लगे हैं? बताया गया है कि 115 एमओयू में 91 नए प्रोजेक्ट हैं, 24 प्रोजेक्ट का एक्सटेंशन होना है। जिला प्रशासन की ओर से सरकार को रिर्पोटें भेजी जा रही है और जमकर प्रचार किया जा रहा है कि नेकोफ ऊर्जा प्राइवेट लिमिटेड की ओर से 20 हजार करोड़ तथा क्लीन मैक्स एनवायरो एनर्जी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड की ओर से 8 हजार करोड रुपए का निवेश किया जाएगा। वहीं हरियाणा सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड की ओर से 375, एसए रिन्यूएबल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की ओर से 280 तथा ओविक सोलर की ओर से 200 करोड रुपए का निवेश किया जाएगा। इसी प्रकार साईं वीएसएलपी बायो एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड 123, मुकेश ट्रेडिंग कॉरपोरेशन 120 तथा जैन केयरिंग कॉर्पोरेशन, बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल लिमिटेड तथा श्री राम सुपर स्पेशलिटी सर्जिकल सेंटर प्राइवेट लिमिटेड की ओर से 100 करोड रुपए निवेश होगा। बेशक सोलर प्रोजोक्ट लगेगे। बाकी प्रस्ताव जिला प्रशासन और जिला उद्योग केन्द्र का यह प्रयास अगर सिरे चढ़ते हैं तो बीकानेर के विकास को गति मिलेगी अन्यथा तो प्रस्तावों का क्या पैसा तो जब लगेगा तब ही धरातल पर काम होगा। सरकार को रिर्पोटें भेजने और फाइलों मे प्रस्तावों को सहेजकर रखने से न तो धन का निवेश होगा और न रोजगार मिलेगा। पहले भी कितनी बार ऐसा हो चुका है। फिर भी जिला कलक्टर के प्रयासों से बड़ी उम्मीद है।

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