Trending Now












बीकानेर,गांव पेमासर में तीन दिवसीय तबलीगी इज़्तिमा का समापन लगभग 8000 लोगों ने की शिरकत । बीकानेर राजस्थान में इस माह आयोजित नियमित श्रृंखला के तहत बीकानेर शहर से 15 किलोमीटर दूर जयपुर गंगानगर बाईपास के नजदीक गांव पेमासर में रविवार को तीन दिवसीय दीनी तबलीगी इज़्तिमा समापन दुआ के साथ हुआ इस अवसर पर बाहर से तशरीफ़ लाए मौलवी चिरागुद्दीन ने लोगों को खुदा के बताए रास्ते तथा पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के आदर्श व सिद्धांतों को अपने जीवन में लागू करने पर बल दिया ।आपने कहा कि हम अपने जीवन में ईमानदारी से मानव जाति की भलाई से ही सफल हो सकते हैं । पैगंबर साहब केवल मुसलमान के लिए ही नहीं बल्कि संपूर्ण मानव जाति के लिए रहमत अर्थात परोपकारी के रूप में प्रतिष्ठित है। मौलाना साहब ने कहा इस्लाम धर्म की सबसे बड़ी खूबसूरती यह है कि इसमें कोई भी व्यक्ति विशेष नहीं होता एक साधारण व्यक्ति भी इस्लामी शिक्षा को ग्रहण कर सभी प्रकार के धार्मिक कार्यों को करने का उतना ही अधिकार रखता है जितना एक इस्लामी विद्वान

। देश में अमन शांति का भाईचारे की दुआ की गई और मौजूद लोगों से यह आव्हान किया कि हम लोग इस्लाम की वास्तविक बातों को बात आम जनता तक पहुंचाएं । इस्लामी शिक्षाओं पर अनुसरण करने का आह्वान किया गया। साहित्यकार अब्दुल रऊफ राठौड़ ने बताया की इज्तिमा कार्यक्रम आमंत्रण सूचना मौखिक ही दी जाती है।इज़्तिमा में प्रशासनिक सहयोग के लिए जिला प्रशासन तथा गांव पेमासर के स्थानीय लोगो का आभार मुसद्दिक अली ने व्यक्त किया । इस धार्मिक आयोजन में करीब दस हज़ार लोग दुआ के समय मौजूद थे। इस तीन दिवसीय इज़्तिमा में किसी भी तरह की राजनीतिक चर्चाएं नहीं की गई ।आमजन के लिए ₹30 प्रति व्यक्ति भोजन उपलब्ध था । इज़्तिमा में सैयद इंसाफ अली,अब्दुल रहमान ठठेरा, मोहम्मद यूसुफ लोहार,अब्दुल हमीद चौधरी, मोहम्मद इदरीश राठौर ,मोहम्मद सलीम पेमासर, आदि ने बताया की आयोजन मे किसी भी चीज को निशुल्क उपलब्ध करवाने का प्रावधान नहीं रखा गया था ,अर्थात अर्थात उनके मुताबिक जब व्यक्ति का अपना जान माल वह समय लगता है तो वह व्यक्ति उसे चीज को अच्छी तरह समझने की और जीवन में लागू करने की कोशिश करता है । उनके अनुसार तबलीगी जमात की शुरुआत 1926 में मौलाना इलियास ने की थी इस तीन दिवसीय कार्यक्रम की खास बात यह रही किसी का भी कोई सामान गुम नहीं हुआ। किसी को सामान मिलने पर उसे पूछताछ कार्यालय में जमा करवा दिया गया जिसे उसे व्यक्ति तक पहुंचने की पूरी कोशिश की गई। अस्थाई रूप से सैकड़ो की संख्या में स्नानघर व शौचालय बनाए गए थे ।नमाज से पूर्व वजू बनाने के लिए माकूल व्यवस्था की गई। विभिन्न प्रकार के धार्मिक, घरेलू और खाने पीने के सामान की भी स्थानीय और बाहर से आए दुकानदारों ने वाजिब दर पर सामान उपलब्ध करवाया ।

 

Author