जयपुर/जालौर। जालौर के स्कूली शिक्षक द्वारा मटके से पानी पीने के कारण एक बच्चे को बेहरमी से पीटने के कारण हुई मौत को लेकर मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। निजी स्कूलों की फीस मसले सहित सम्पूर्ण शिक्षा में सुधार की मांग को लेकर कार्य करने वाले अभिभावकों के एकमात्र रजिस्टर्ड समूह संयुक्त अभिभावक संघ ने शुक्रवार को अगले दो-तीन दिन में जालौर का दौरा कर परिजनों से मुलाकात करने की घोषणा की है।
प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा और शिक्षा के मंदिरों में जातीय भेदभाव जहर की तरह पनप रहा है। इसी जातीय जहर की वजह से अनेकों बच्चें हिंसा की शिकार हो रहे है। राज्य सरकार को बच्चों को शिक्षा देने से पूर्व शिक्षकों को एकसमान शिक्षा देने के लिए ट्रेनिंग देनी चाहिए। जालौर की घटना एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है जिसकी कड़े से कड़े शब्दों में निंदा होनी चाहिए। संयुक्त अभिभावक संघ का तीन-चार सदस्यीय दल जालौर जाएगा और पीड़ित परिवारजन से मुलाकात करेगा।
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि जालौर की घटना पर सभी राजनीतिक दल अपनी रोटियां सेक रहे है किसी को भी ना परिवार से कोई सरोकार है और ना बच्चे की मौत से सरोकार है। सभी दल मृतक बच्चे के परिजनों को मुआवजा देने की बात तो कर रहे है किंतु आरोपी शिक्षक पर कार्यवाही की बात पर चुप्पी साध रहे है। जिस परिवार ने अपने बच्चे को खोया है उसकी तकलीफ घटाने की बजाय राजनीतिक दल उस परिवार को राजनीतिक दांव पेंच सीखा रहे है। जबकि घटना को लेकर सरकार और प्रशासन को गंभीरता दिखानी चाहिए थी, ऐसे मामले आगे ना हो उसको लेकर स्कूलों में ठोस कानून बनाने चाहिए, स्कूलों में बच्चों के साथ भेदभाव खत्म हो, जातीय हिंसा खत्म जैसे प्रावधान होने चाहिए। जिससे अन्य कोई बच्चा ऐसी घटनाओं का शिकार ना बन सके।