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बीकानेर, जापानी छंद विधा हाइकू पर केंद्रित पुस्तक “अक्षर-गुंजन” का लोकार्पण महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के सभागार में हुआ। लोकार्पित पुस्तक पर अपने भाव प्रकट करते हुए कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा कि कम शब्दों में अपने भाव परिलक्षित करने वाली जापानी विधा हाइकु छंद भारत में काफी प्रसिद्धि प्राप्त कर रही है। मुख्य अतिथि हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ. अन्नाराम शर्मा ने कहा कि पांच, सात, पांच अक्षरों के मेल से बना हाइकु पूर्ण काव्य रचना बन जाती है। स्वागत उद्बोधन देते हुए डॉ. प्रोफेसर अजय जोशी ने कहा कि हाइकु विधा पर यह पुस्तक एक संग्रहणीय दस्तावेज बन गया है। विशिष्ट अतिथि साहित्यकार कमल रँगा ने कहा कि साहित्य में प्रोफेसर बिनानी की यह दूसरी काव्य कृति है, इसका स्वागत होना चाहिए। साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने कहा हिंदी और राजस्थानी भाषा में बहुआयामी सृजन करने वाले प्रोफेसर नरसिंह बिनानी ने विभिन्न विषयों पर हाइकु लिखकर हाइकु विधा को समृद्ध किया है। साहित्यकार डॉ. शंकरलाल स्वामी ने कहा कि हाइकु लघु कलेवर की अतुकांत पद्य रचना कर प्रोफेसर बिनानी ने पुस्तक रची है इसकी सराहना होनी चाहिए। साहित्यकार बिट्ठल बिस्सा ने कहा कि बीकानेर के साहित्यकार बहुत अच्छा सृजन कर रहे हैं चाहे वह छंद में हो या छंदमुक्त हों। प्रोफेसर बिनानी ने अक्षर-गुंजन हाइकु संग्रह की रचना प्रक्रिया साझा की। कार्यक्रम का संचालन इंजी. गिरिराज पारीक ने किया। सभी के प्रति आभार राजाराम स्वर्णकार ने ज्ञापित किया।

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