Trending Now




जयपुर के समाज सेवी एवम अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि शंकर धाभाई एवम गुर्जर समाज के गणमान्य लोग ने कल सुबह 11.30 बजे जयपुर के कलेक्टर महोदय से मुलाकात कर श्रीमती सोनिया गांधी,राहुल गांधी, मल्लिकाजरुन खड़गे -राष्ट्रीय अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम का एक ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया जाएगा ।*

जयपुर के सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि इस मांग पत्र में राज्य सरकार के एक मंत्री द्वारा इस प्रकार के बयान का विरोध किया गया और इनका इस्तीफा मांगा गया है । इस माँग पत्र में अन्य मांगों में जिनमें

1. गुर्जर समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने

2.एमबीसी गुर्जर आरक्षण को सविंधान की 9 वी अनुसूची में डालने एवम एमबीसी आरक्षण से छेड़छाड़ बर्दाश्त नही।

3. गुर्जर जाति को राष्ट्रीय विमुक्त घुमत तथा अर्ध घुमत जनजाति में जोड़ने/शामिल करने एवम इसके आयोग में गुर्जर समाज के प्रतिनिधि को भी शामिल करने बाबत ।
4. गुर्जर आंदोलन में 73 निर्दोष गुर्जर शहीदों एवम गुर्जर बिरादरी के वीर सपूतों की हत्या करने वाले दोषियों को सीबीआई जांच कर सख्त से सख्त सजा दिलवाई जाए।

संदर्भ : भारत सरकार के जनजातीय कार्यालय मंत्रालय (सी एन्ड एल एम प्रभाग) संसद मार्ग, नई दिल्ली द्वारा श्रीमान प्रमुख सचिव, जनजातीय क्षेत्रिय विकास विभाग, राजस्थान सरकार, मुख्य भवन, सचिवालय जयपुर को लिखे पत्र दिनांक 25 अक्टूबर 2022 के बाबत ।

आपकी जानकारी में एक बात लाना चाहते है कि हाल ही में आपकी पार्टी के एक मंत्री ने राहुल जी की यात्रा के संबंध में आमजन को धमकाने एवम डराने का बयान दिया है इस मंत्री का तुरंत प्रभाव से इस्तीफा ले और हमारी सलाह है कि उनका किसी अच्छे डॉक्टर से इलाज कराए क्योंकि उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है और उन्हें इलाज की सख्त आवश्यकता है । उन्हें बताए यह यात्रा भारत जोड़ो के लिए ना कि किसी का दिल तोड़ो । लोकतंत्र में इस प्रकार से गंदे बयान देना शोभा नही देता है उन्हे मालूम है की भारत मे गुर्जर शब्द का क्या मतलब है । आपके द्वारा की गईं कार्रवाई से अवगत कराएं। राजस्थान की संस्कृति एवम सभ्यता के लिए पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है कि अतिथि देवता के समान है । श्रीमान जी यदि आपकी पार्टी के विधायक गण गुर्जर समाज या आम नागरिक को डरा एवम धमका कर यह यात्रा निकालना चाहते तो और परिस्थितियों के मध्यनजर एवम गुर्जर समाज की समस्याओं के निवारण में राज्य सरकार की रूचि नही दिखाना इसलिए इस यात्रा को स्थगित करना उचित होगा। गुर्जर समाज एक वीर जाति है और इस जाति को कोई भी चलता फिरता इंसान इस प्रकार से ललकारे या हिम्मत नही करे। हम अतिथि का स्वागत एवम मान सम्मान करना भली भांति जानते है । श्रीमान राहुल जी यात्रा से पूर्व ही हमे राज्य सरकार लिखित में गुर्जर समाज की हमारी समस्त मांगों को स्वीकृति प्रदान करवाए जिससे आपकी यात्रा को हम ऐतिहासिक यात्रा का रूप दे सकें । यदि हमारी मांगों को आपकी यात्रा से पुर्व ही मान लिया जाता है तो गुर्जर समाज आपके स्वागत में पहली पंक्ति में खड़ा हुआ मिलेगा।

उपरोक्त विषयानुसार गत कई वर्षों से अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ द्वारा राज्य सरकार को लगातार गुर्जर समाज की विभिन्न प्रकार की समस्याओं के निवारण हेतु निवेदन किया लेकिन बड़े दुख के साथ सूचित कर रहे है कि गुर्जर बिरादरी की कोई भी समस्याओं का समाधान आज तक नही किया गया है । साफ शब्दों में हम इस पत्र के माध्यम से सूचित करना चाहते है कि राज्य सरकार की शासन कार्यप्रणाली में काफी सुधार की तुरंत प्रभाव से आवश्यकता है। काफी लंबे समय से तो राज्य सरकार के मंत्री एवम विधायक गण सिर्फ पद की लालसा में व्यस्त है और कुर्सी के लिए लड़ रहे है । कई वर्षों से लगातार हमारे द्वारा आपको एवम राज्य सरकार के विभिन्न विभागों को हमारी समस्याओं के निवारण हेतु पत्र व्यवहार किया जा चुका है लेकिन आज तक भी ठोस नतीजा या समाधान नही किया गया है । चुनावों के समय जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए वायदों को पूरा करने की धरातल पर तुरंत प्रभाव से जरूरत है । इस अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ संगठन के पदाधिकारियों ने कई बार आपसे व्यक्तिगत मुलाकात का समय मुख्यमंत्री कार्यालय से मांगा लेकिन आपकी सरकार में राजनीतिक मनमुटाव और कई मोड़ एवम मुद्दे को सुलझाने में ही व्यस्तता रही और हमारी समस्याओं के निवारण के लिए ठोस प्रयास नही किए जा रहे है ।

आपकी राजनीतिक पार्टी को गुर्जर समाज ने वोट देकर विश्वास जताया था कि गुर्जर समाज का विकास होगा लेकिन आज हमारी आवाज एवम वाजिब मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है और गुर्जर समाज की उचित मांगो के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है । यदि इसी प्रकार का रवैया रहा तो समाज को भी एक नई राजनीतिक पार्टी का विकल्प एवम राजस्थान में बदलाव लाने की शुरुआत करनी पड़ेगी जो कि गुर्जर समाज के हितो की रक्षा कर सके। इसलिए हमारा सुझाव है कि संवेदनशील होकर समय रहते है एक उच्च स्तर पर कमेटी गठित कर इस संगठन द्वारा उठाई गई मांगो एवम समाज की प्रत्येक समस्याओं का निवारण इस समिति या कमेटी में गुर्जर समाज के गणमान्य व्यक्तियों को शामिल कर सभी समस्याओं का निवारण तुंरत प्रभाव से किया जाए ।

श्रीमान जी हाल ही में केंद्र सरकार के जनजातीय कार्यालय मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा प्रमुख सचिव जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग राजस्थान सरकार जयपुर को विभाग द्वारा एक पत्र दिनांक 25 अक्टूबर 2022 को भेजा गया गया जिसमे राजस्थान राज्य सरकार को गुर्जर जाति को जनजाति में शामिल करने की सिफारिश भेजेने के लिए लिखा है । अतः आपसे सादर अनुरोध है कि इस संबंध तुरत प्रभाव से प्रस्ताव बनाकर संबंधित विभाग को भिजवाए और उस पत्र की छायाप्रति मुझे उपलब्ध कराए। भारत जोड़ो यात्रा के साथ साथ आम जनता के दिलों में जगह एवम स्थान बनाए एवम दिलों को जीतने की जरूरत है ।

राजनीतिक पार्टियां के पदों पर जिम्मेदारी एवम अगले विधानसभा के चुनावों में गुर्जर समाज को टिकट वितरण में भागीदारी सुनिश्चित करे :

श्रीमान जी यदि समय रहते ही गुर्जर समाज की सभी समस्याओं का निवारण नही किया तो गुर्जर समाज उसी राजनीतिक पार्टियों का सहयोग एवम मान सम्मान करेंगे जो हम लिखित में हमारी समस्याओं के निवारण के लिए आगे की पंक्तियों में खड़ा रहगे। क्योंकि वर्तमान समय मे राजस्थान में 75 विधानसभा में गुर्जर बहुलता है । भारत देश की सभी विधानसभा के क्षेत्रो सहित राजस्थान की भी समस्त विधानसभा क्षेत्र में अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ गुर्जर समाज के युवाओं एवम गणमान्य लोगों को प्रत्याशी के रूप में वर्ष 2024 के चुनाव में खड़ा करेगा और उनकी जीत के समर्थन में उचित कार्यवाही, सहयोग एवम मदद करेंगे। अब गुर्जर समाज जागरुक हो चुका हमारे समाज का विकास नही तो उस राजनीतिक पार्टी को वोट भी नही दिया जाएगा। गुर्जर बाहुल विधानसभा से केवल गुर्जर प्रत्याशी को ही राजनीतिक पार्टियां टिकट दे अन्य जाति के उम्मीदवार की हार अगले चुनाव में निश्चिंत है । गुर्जर समाज अब अपने उम्मीदवार को ही जिताएगा। वर्तमान में गुर्जर समाज के समस्त विधायकगण भी यदि समाज हित एवम विकास मे अभी भी अपनी स्वार्थ की नीति को नही छोड़ेंगे तो गुर्जर समाज उनका अगले चुनावों में बहिष्कार किया जाएगा। कई विधायक बाहुल गुर्जर क्षेत्रों से जीत हासिल कर गुर्जर समाज की समस्याओं को उठाने में शर्म आती है कब तक आप 36 कोम के नेता होने का बहाना लेते रहगें। आपकी पार्टी के इस प्रकार के नेताओं को भी आप उनके गुर्जर समाज के हितों एवम विकास के लिए उनके कर्तव्यों एवम जिम्मेदारी से अवगत कराएं।

वर्तमान समय मे पूरे देश के गुर्जर समाज मे रोष व्याप्त है क्योंकि आरक्षण आंदोलन के समय हुए समझौतों को भी अभी तक पूरी तरह से लागू नही किया गया है । आंदोलन के बाद हुए समझौते के सभी बिन्दुओ की जल्द पालना की जाए । वर्तमान मे समय समय पर समाज मे आए दिन चर्चा होती रहती है और इस बाबत समाज मे क्रोध एवम नाराजगी व्याप्त है कि एमबीसी आरक्षण में भी अन्य जातियों को जोड़कर उन्हें एमबीसी आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है इसकी भी जाँच हो और इसे तुरंत प्रभाव से रोक लगे। प्रक्रियाधीन सरकारी भर्तियों में एमबीसी बैकलॉग को पूरा करे एवम देवनारायण योजना के उचित क्रियान्वयन तुरंत प्रभाव से करें।

आपको ज्ञात है की आजादी के समय से ही गुर्जर समुदाय को जनजाति (एसटी) का दर्जा मिला हुआ है क्योंकि गुर्जर समुदाय घुमंतू समुदाय है इसका मुख्य व्यवसाय पशुपालन है और इतिहास गवाह है कि 12 अक्टूबर 1871 को पूरे गुर्जर समुदाय को आपराधिक जनजाति अधिनियम, 1871 के तहत आपराधिक जनजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया था और सभी गुर्जर को इस अधिनियम के तहत जन्मजात अपराधी माना गया था । गुर्जर समुदाय के लिए यह सजा 10,00,000 बहादुर गुर्जर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने और स्वतंत्रता के पहले युद्ध 1857 में कई अंग्रेजों को मारने के कारण दी गई थी । 81 साल बाद 31 अगस्त 1952 ( भारत की आजादी के 5 साल बाद) इस दुष्ट कृत्य को निरस्त कर दिया गया, लेकिन हमारे महान जनजाति को अभी तक कोई सम्मान या मान्यता नहीं दी गई । हमें आपराधिक जाति अधिनियम ( पूर्व अपराधियों) से अधिसूचित होने के लिए डी – अधिसूचित जनजाति कहती है और गुर्जर के प्रति कलंक आज तक जारी है । गुर्जर समुदाय को इस नाम पर कड़ी आपत्ति है । हम स्वतंत्रता सेनानी जनजाति हैं । नहीं अधिसूचित जनजाति (पूर्व अपराधी ) जो हमारे घावों पर नमक रगड़ती है । गुर्जर समाज के लोग इस अनादर और अन्याय के खिलाफ खड़े है।

आजादी के आंदोलन एवम 1857 के आंदोलन में अंग्रेजों का कत्लेआम शुरू कर दिया था । आजादी में सक्रिय भूमिका निभाने के कारण अंग्रेजों ने गुर्जर को अपराधी जाति में शामिल कर दिया था और बागी घोषित करने के कारण गुर्जर समुदाय के लोग जंगलों में शरण ली और जंगलों में पलायन कर दिया था और शिक्षा एवम आवश्यक सुविधाओं से वंचित रहे । आजादी के बाद सरकार ने क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट को समाप्त कर दिया। अंग्रेजों ने क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट 1871 के जरिए गुर्जरों का अपराधी जाति घोषित किया था 1857 में आजादी की पहली क्रांति के दौरान मेरठ में कोतवाल धन सिंह गुर्जर ने क्रांतिकारियों तक संदेश पहुंचाने के लिए अंग्रेजों के घोड़े कैदियों को दे दिए थे। फरीदाबाद गुड़गांव ग्रेटर नोएडा के दादरी सहारनपुर गाजियाबाद एरिया में गुर्जरों ने युद्ध में अंग्रेजों को बड़ी हानि पहुंचाई थी । अंग्रेजों ने दमन चक्र चलाया अंग्रेजों ने क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट पारित कर गुजरो का अपराधी घोषित कर दिया क्रांति के लिए अंग्रेजों के घोड़े चोरी करने के कारण पशु चोर का तमगा भी दे दिया । आपसे सादर अनुरोध है कि गुर्जर वीरों ने संगठित होकर अंग्रेजी हुकूमत को भारत से खदेड़ने में अपनी महती भूमिका अदा की थी और वर्तमान समय में भी गुर्जर समाज के लोग सेना में शामिल होकर देश की रक्षा कर रहे हैं । गुर्जर समाज आरक्षण संवैधानिक अधिकार है आपको ज्ञात होगा कि देश की आजादी में अग्रणी भूमिका निभाने वाले गुर्जर समुदाय को स्वतंत्रता सेनानी होने के कारण यह लाभ अति गरीब गुर्जर के लिए वरदान साबित होगा। इस मांग पत्र के द्वारा आपकी जानकारी में लाना चाहता हूं कि वर्तमान समय में कश्मीर और हिमाचल के विमुक्त गुर्जरों के आरक्षण में राजनीति से प्रेरित दमनकारी सेंध लगाने की नाकाम कोशिश हो रही है उसे देश का गुर्जर कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगा ।

देश और प्रदेश की कोई भी सरकारें हो बड़े शर्म की बात है कि आजादी से अब तक किसी ने भी गुर्जर बिरादरी के साथ न्याय नहीं किया है। केंद्र सरकार देश के गुर्जरों का भला चाहती है तो विमुक्त घुमंतू जनजातियों पर 2018 की दादा इरादे रिपोर्ट संसद की पटल पर रख इसे देशभर में तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए क्योंकि गुर्जर समुदाय देशभक्त कोम है और गुर्जर बिरादरी के लोगों आजादी की जंग में कुर्बानी दी थी और अंग्रेजों से लोहा लेकर विकास की मुख्य धारा से पिछड़ खानाबदोश बन गई थी । आजादी के 75 सालों में सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट एवं 13 आयोग की रिपोर्ट के बाद भी उचित आरक्षण एवम अधिकारों से वंचित है और गुर्जर बिरादरी वर्तमान में भी हक के लिए अभी तक भी लड़ रही है।

वर्ष 2017 में राजस्थान सरकार ने एमबीसी की गुर्जर सहित पांचों जातियों को डी एन टी के लिए भारत सरकार को सिफारिश कर दिया है। राजस्थान सरकार के विभाग द्वारा बताया गया है कि राज्य सरकार द्वारा विमुक्त एवम अर्द्ध गुमन्त जातियों के जोड़ने संबंधित प्रस्ताव भिजवाने हेतु लिखे गए पत्र क्रमांक 73396 दिनांक 01.11.2017 तथा क्रमांक 13463 दिनांक 09.03.2022 भारत सरकार को लिखे है। राजस्थान सरकार एवम भारत सरकार के द्वारा पत्र व्यवहार की छायाप्रति आपके अवलोकन एवम सूचनार्थ संलग्न है । रेंनकेकमीशन,अब ईदाते कमीशन भविष्य में डीएनटी को दस प्रतिशत आरक्षण उम्मीद बहुत है। हालांकि,भारत सरकार को ईदाते कमीशन की लिस्ट को राजस्थान सरकार को भेजना बाकी है। राजस्थान में सरकार द्वारा गुर्जर जाति को डीएनटी केटेगिरी में शामिल करने के बाद भी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं इस कारण वंचित एवम पिछड़े गुर्जर समुदाय को केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। दिनांक 26 जुलाई 2021 को माननीय प्रधानमंत्री जी को मेरे द्वारा एक मेल द्वारा एक ज्ञापन संसद में गुर्जर एमबीसी आरक्षण को संविधान की 9 वी अनुसूची में शामिल करवाने क्योंकि एमबीसी आरक्षण अभी अधूरा है एवम राष्ट्रीय घुमत तथा अर्ध घुमत जनजाति आयोग भारत सरकार में गुर्जर समाज के प्रतिनिधि को भी सदस्य के रूप में शामिल करने की मांग की गई थीं । लेकिन इस बाबत भारत सरकार द्वारा की गई कार्रवाई से मुझे अभी तक नही अवगत कराया गया है ।

इस मांग पत्र के द्वारा सूचित किया जा रहा है कि भविष्य में 2024 में आने वाले चुनावों में गुर्जर समाज उस राजनीतिक दल का पूरा सहयोग करेगा जो पार्टी हमे जनजाति आरक्षण दिलवाने में मदद करेंगी अन्यथा गुर्जर समाज को आरक्षण अधिकार से वंचित करने के कारण राजनीतिक पार्टियां उसका परिणाम एवम खमियाजा चुनावों में भुगतने के लिए तैयार रहें क्योकि श्रीमान जी आप हमसे सहमत होंगे की वर्तमान समय मे धरातल पर हालत यह है कि गरीब बेरोजगार गुर्जर युवा अपने घर बैठे अपनी तंग आर्थिक एवम मानसिक स्थिति के परेशान हो रहा कारण रो रहा है और राज्य सरकार एवम केंद्र सरकार के पास समय नही की उनकी सुध ले और समय रहते हालत सुधारने के उपाय या इंतजाम सुनिश्चित करें।

अतः आगामी चुनावों से पूर्व है समय रहते ही हमे युद्ध स्तर पर कार्य कर आरक्षण के लाभ एवम संवैधानिक अधिकार दी जाए । आपसे अनुरोध है कि इस संबंध में संबंधित विभागों की निर्देश देकर अनुग्रहित करे और मुझे समय रहते ही आप द्वारा की गई कार्रवाई से अवगत करवा कर अनुग्रहित करे।

Author