बीकानेर साध्वीश्री मृगावती, सुरप्रियाश्रीजी व नित्योदयाश्रीजी के सान्निध्य में शुक्रवार को रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में कोलकाता के श्रावक कमल चंद पारख, तीन दिवसीय तेले तेळे की तपस्वी सुश्री कोमल नाहटा का अभिनंदन किया गया। साध्वीवृंद के सान्न्धि्य में 14 अगस्त 22 से 15 अगस्त 2022 तक देव मंदिर में पूजा,पक्षाल, मंत्र व माला जाप का क्रम रविवार को नाहटा चौक के भगवान आदिनाथ मंदिर से शुरू होगा।
साध्वीजी मृगावती व नित्योदयाश्रीजी ने ज्ञाता धर्म सूत्र और राजा मांगतुंग व मृगावती चरित्र कथानक के माध्यम से कहा कि आत्मा स्वयं कर्ता व भोगता है। व्यक्ति को अपने पाप व पुण्यकर्मों को अवश्य भोगना पड़ता है। पाप नहीं करने के भाव से पुण्य की प्रवृति जागृत होती है। पुण्य का चिंतन करने से ही लाभ होता है। पापों से कष्ट व पुण्य से आत्मिक सुख, शांति प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि पाप का मूल काम,क्रोध, लोभ व मोह आदि कषाय व दुर्गुण है। दुर्गुणों व कषायों को छोड़े, संवेदना, कोमलता, संतोष, क्षमा,करुणा व अहिंसा के भावों के साथ सहनशील, धार्मिक व आध्यात्कि बने। सहनशीलता से सिद्धि, सिद्धि से शुद्धि व आत्म समाधि की प्राप्ति होती है। उन्होंने एक अन्य प्रसंग के माध्यम से बताया कि दूसरे पर किए गए उपकार को विस्मृत कर दें,लेकिन कोई अपने पर उपकार व भलाई करता है, उसको नहीं भूलें। , तपस्वी कोमल नाहटा का विचक्षण महिला मंडल की मूलाबाई दुगड़ व कोलकाता के सुश्रावक कमल चंद पारख का सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा व कोषाध्यक्ष भीखम चंद बरड़िया व पुनेश मुसरफ ने किया।