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बीकानेर, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने कहा कि जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में सभी व्यवस्था चाक-चौबंद रहें, जिससे गर्भवती और धात्री महिलाओं एवं बच्चों को इनका लाभ मिल सकें।
श्रीमती भूपेश शनिवार को कलक्ट्रेट सभागार में विभागीय अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रही थीे। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से दी जाने वाली सभी सेवाएं लक्षित वर्ग को समय पर मिलें। पोषाहार की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। इसके लिए समय-समय पर औचक निरीक्षण किए जाएं तथा खाद्य सामग्री के नमूने लिए जाएं। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्री-स्कूल गतिविधियों के संचालन, गर्भवती महिलाओं की जांच, वंचित केन्द्रों में पेयजल एवं विद्युत कनेक्शन करवाने तथा चारदीवारी बनाने, यहां किचन गार्डन विकसित करने तथा निजी स्थानों पर चल रहे केन्द्रों को उपलब्धता के आधार पर स्कूलों एवं अन्य सरकारी भवनों में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। साथ ही प्रत्येक केन्द्र पर नॉर्म्स के अनुसार मेडिकल किट उपलब्ध करवाने के लिए निर्देशित किया।
श्रीमती भूपेश ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत गतिविधियां बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा जैसे अबूझ सावों में जिले में बाल विवाह नहीं हो, इसके मद्देनजर प्रत्येक संबंधित विभाग पूर्ण गंभीरता से कार्य करें। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी आपसी समन्वय रखें और किसी भी सूचना पर त्वरित कार्यवाही हो। उन्होंने शिक्षा सेतु, कम्प्यूटर बेसिक एडवांस्ड कार्यक्रम, सखी वन स्टॉप सेंटर और महिलाओं से संबंधित ऋण योजनाओं की समीक्षा की।
बाल अधिकारिता मंत्री ने जिले को बाल श्रम से मुक्त करवाने के लिए सघन गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए। बाल श्रम से मुक्त बच्चों को कौशल आधारित प्रशिक्षण दिलाने के लिए कहा। साथ ही प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र में बाल श्रम से जुड़े कानूनों, बाल श्रम करवाने वालों के विरूद्ध सजा के प्रावधानों की जानकारी से संबंधित प्रचार गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजश्री योजना की दूसरी एवं तीसरी किश्त समय पर मिले, इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा शिक्षा विभाग के अधिकारी समन्वय के साथ कार्य करें।
श्रीमती भूपेश ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई बजट घोषण की पालना में इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना शीघ्र ही लागू की जाएगी। उन्होंने बजट भाषण में की गई अन्य घोषणाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन के निर्देश भी दिए। साथ ही सभी संबंधित विभागों के अधिकारों को आपसी समन्वय से कार्य करने के लिए निर्देशित किया।
अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ओमप्रकाश ने बताया कि जिले में बाल श्रम मुक्त बीकाणा अभियान चलाया जा रहा है तथा बीछवाल को पहला बाल श्रम मुक्त औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया गया है। उन्होंने ‘सजग आंगनबाड़ी अभियान’ के तहत जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों और इनके माध्यम से स्थापित किए जाने वाले किचन गार्डन के बारे में भी बताया। महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शारदा चौधरी, बाल अधिकारिता की सहायक निदेशक कविता स्वामी एवं महिला अधिकारिता की उपनिदेशक मेघारतन ने विभागीय उपलब्धियों के बारे में बताया।
बैठक में जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के, अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) पंकज शर्मा, जिला रसद अधिकारी भागूराम महला, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. राजकुमार शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल मीणा तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एलडी पंवार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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