बीकानेर.लूणकरनसर. बारिश ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। ग्रामीण अंचल में कच्चे-पक्के मकानों में दरारें आ रही हैं। सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं। गुरुवार अलसुबह बरसात के कारण लूणकरनसर तहसील के शेखसर गांव में सो रहे परिवार पर कच्चे मकान की छत गिर गई। हादसे में 17 वर्षीया किशोरी की मौत हो गई। किशोरी की मां व दो भाई मलबे में दबने से मामूली घायल हो गए। इससे पहले 26 मई को सुबह सहनीवाला गांव में बरसात से कच्चे मकान की छत गिरने से आठ साल की बालिका की मौत हो गई थी।
ऐसे हुआ हादसा
शेखसर निवासी गिरधारी लाल मेघवाल (38) बुधवार रात को अपने परिवार के साथ घर पर सो रहा था। गुरुवार तड़के करीब चार बजे अचानक बरसात आने से गिरधारी अपने घर के पक्के कमरे में सोने चला गया। कच्चे कमरे में उसकी पत्नी सरोज (36), बेटी जमना (17), पुत्र मोहन (15) व संदीप (13) सो गए। सुबह करीब 5 बजे कच्चे मकान की छत भरभरा कर गिर गई। इससे गिरधारी की पत्नी व बच्चे मलबे में दब गए। अचानक छत गिरने से हुए धमाके से गिरधारी जाग गया तथा पड़ोस के राजू मेघवाल व अन्य लोगों की मदद से मलबे में दबे परिवार को निकाला। बेटी जमना (17) के ऊपर लोहे का गाडर व मलबा गिर गया था। बेहोशी की हालत में जमना को गांव के अस्पताल में भर्ती करवाया , जहां से पीबीएम रैफर कर दिया। पीबीएम में चिकित्सकों ने जमना को मृत घोषित कर दिया।
अफसर पहुंचे मौके पर
उपखण्ड अधिकारी संजीव कुमार वर्मा, राजस्व तहसीलदार रामनाथ शर्मा, शेखसर सरपंच सीताराम गोदारा व कालू थानाधिकारी सुरेश कुमार मील मौके पर पहुंचे। उपखण्ड अधिकारी वर्मा ने पीडि़त परिवार को राज्य सरकार से शीघ्र आर्थिक मदद के लिए हलका पटवारी को पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
बरसात से पहले छत की सार-संभाल की जरूरत
इस बार विक्षोभ के चलते तूफानी बारिश में छत गिरने से एक सप्ताह में दो हादसे होने से दो बालिकाओं की जान चली गई। तूफानी बारिश में कच्चे मकानों से होने वाले हादसों को रोकने के लिए छतों की सार-संभाल जरूरी है। बरसात में मकान के परनाले बंद नहीं हों, इसका ध्यान रखें। छत पर पानी एकत्र होने से छत गिरने की संभावना रहती है। प्रशासन को भी अपने गांव स्तर के कार्मिकों से लोगों को इस बारे में जागरूक करना चाहिए।