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बीकानेर,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में मजबूत लोकतंत्र के लिए लोक सेवकों की अहम भूमिका है। लोक सेवकों की भागीदारी से ही संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन संभव है। उन्होंने कहा कि 2030 तक राजस्थान को देश का प्रथम राज्य बनाने की राज्य सरकार की परिकल्पना को साकार करने में लोक सेवकों का योगदान महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री गुरुवार को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में सिविल सेवा दिवस-2023 के अवसर पर ‘प्रतिबद्ध प्रशासन, राज्य में सुशासन’ की थीम पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने सभी लोक सेवकों को सिविल सेवा दिवस की बधाई दी।

गहलोत ने कहा कि पंडित नेहरू एवं सरदार पटेल जैसे महापुरुषों की सोच से देश में एक उत्कृष्ट सिविल सेवा की नींव पड़ी, जिसका सम्मान उत्तरोतर बढ़ा है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी ने सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश को 21वीं सदी से जोड़ने का सपना देखा था। इसी का परिणाम है कि देश आज आईटी के क्षेत्र में नए आयाम हासिल कर रहा है। उन्होंने कहा कि आईटी के लिए राज्य में 3 प्रतिशत बजट का प्रावधान किया गया है, इससे राजस्थान आईटी के क्षेत्र में देश में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है।

गहलोत ने कहा कि देश में संवैधानिक संस्थाओं का बढ़ता दुरूपयोग चिंता का विषय है। लोक सेवकों का यह कर्तव्य है कि देश में असंवैधानिक एवं अलोकतांत्रिक परिस्थितियों का निर्माण ना हो। उन्होंने कहा कि लोक सेवकों को अपनी भूमिका केवल राजकीय सेवा तक सीमित ना रखकर समाज हित के कार्यों में भी भाग लेना चाहिए। गहलोत ने 24 अप्रैल से शुरू होने जा रहे महंगाई राहत शिविरों के सफल क्रियान्वयन के लिए लोक सेवकों का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 11.04 की आर्थिक विकास दर के साथ राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है। कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश में किए गए शानदार प्रबंधन की सराहना पूरे देश में की गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जन घोषणा पत्र में किये गए लगभग 90 प्रतिशत वादे पूरे किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना राज्य सरकार का ध्येय है।

मुख्य सचिव उषा शर्मा ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि लोक सेवक राज्य सरकार की नीतियों और योजनाओं के क्रियान्वयन में योगदान देकर राज्य व राष्ट्र का निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य के सभी लोक सेवकों ने प्रदेश के सामाजिक- आर्थिक विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में कुपोषण एवं एनीमिया से मुक्ति, सामाजिक-आर्थिक उन्नति, महिला सशक्तीकरण, शिक्षा के समान अवसर, जीवन कौशल पर्यावरण, खेल सुविधाओं का विकास जैसे अनेक नवाचार जिला कलेक्टरों द्वारा किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश शिक्षा, स्वास्थ्य, सेवा प्रदायगी सहित विभिन्न क्षेत्रों में पूरे देश में अग्रणी है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पूर्व मुख्य सचिव त्रिपुरा एम दामोदरन ने कहा कि सभी अधिकारियों को अपने कार्य के प्रति निष्ठा एवं ईमानदारी रखते हुए पूर्ण समर्पण के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोक सेवक आमजन की अपेक्षाओं का केंद्र हैं तथा उनकी जिम्मेदारियां भी बड़ी हैं। उन्होंने इस दौरान अपने प्रशासनिक अनुभवों को अधिकारियों से साझा किया तथा उन्हें नेतृत्व, निर्णय क्षमता, सुशासन के बारे में विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से समझाया।

कार्यक्रम में लोक सेवा में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए ‘मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार-2023’ भी प्रदान किये गए। आयोजना विभाग के संयुक्त शासन सचिव सुशील कुमार कुलहरि, निदेशक (प्रोग्राम मॉनिटरिंग), मुख्य सचिव कार्यालय डॉ. नीतीश शर्मा, जिला कलेक्टर, बाड़मेर लोकबंधु, जिला कलेक्टर, पाली नमित मेहता, जिला कलेक्टर, झालावाड़ डॉ. भारती दीक्षित एवं जिला कलेक्टर, उदयपुर ताराचंद मीणा को मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार दिए गए।

इस दौरान प्रदेश में ई-गवर्नेंस और सुशासन को बढ़ावा देने के लिए लागू किए गए ई-फाइल सिस्टम और विभिन्न जिलों में किए गए नवाचारों पर आधारित शॉर्ट फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री ने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में सिविल सेवा के अधिकारियों द्वारा लिए गए फोटाग्राफ्स एवं बनाए गए चित्रों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने स्वागत उद्बोधन दिया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक दीप नारायण पांडे ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि लोक सेवकों का कर्तव्य अपने कार्यों से आमजन के जीवन को सुगम बनाना है। इस अवसर पर प्रदेश के सभी भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा, राजस्थान प्रशासनिक सेवा, राजस्थान पुलिस सेवा एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

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