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बीकानेर,प्रधानाचार्य पद पर डीपीसी के संबंधित नियम संशोधन नोटिफिकेशन जारी होने के उपरांत भी वर्ष 2021-22 की डीपीसी विगत 14 माह से भी लंबित है और बिना कारण ही 14 माह बीत जाने के बाद भी नियमित डीपीसी नहीं होने के कारण प्रभावित व्याख्याता 8 जून से अनिश्चितकालीन धरने पर निदेशालय के सामने बैठे हैं। आज इन धरनार्थियों ने सरकार की सद्बुद्वि के लिये यज्ञ किया। जिसमें बड़ी संख्या में पुरूष व महिला व्याख्याताओं ने आहुति दी। धरनार्थियों ने बताया कि 650 व्याख्याता डीपीसी नहीं होने से प्रभावित हो रहे है। प्रधानाचार्य डीपीसी 2021-22 संघर्ष समिति के संयोजक लक्ष्मी कांत स्वामी ने बताया शिक्षा विभाग के नए नियमों के अनुसार डीपीसी वर्ष 2021 के रिक्त पदों के विरुद्ध 80:20 के अनुपात में होना प्रस्तावित है,इस डीपीसी हेतु पूर्व में दिसंबर 2021 में भी धरना दिया गया था, उस समय विभाग द्वारा शीघ्र डीपीसी का आश्वासन दिया गया था डीपीसी नहीं होने के कारण 25 जनवरी को निदेशालय बीकानेर धरना दिया गया था विभाग द्वारा डीपीसी जल्द ही करवाने का आश्वासन दिया गया। इस संदर्भ में निदेशक एवं शिक्षा मंत्री को ज्ञापन के माध्यम से बार-बार अवगत कराया गया किंतु अस्थाई पात्रता सूची जारी होने के छ: माह बाद पूरा सत्र बीत जाने के उपरांत भी डीपीसी नहीं होने के कारण तथा प्रतिमाह प्रत्येक व्याख्याता को लगभग 20000 वेतन का नुकसान होने के कारण व्याख्याता में भारी आक्रोश है। धरने में श्रवण ढाका, महावीर मीणा, राजेंद्र चौधरी, राजेंद्र घिटाला, संतोष यादव, सुषमा, वरुण गोयल, अनुबला, अमरिंदर बरार, बृजेश शर्मा आदि ने संबोधन दिया।

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