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बीकानेर,बीकानेर केन्द्रीय कारागार प्रशासन ने जेल में बंद बंदियों के हुनर को सही दिशा देने के साथ ही उनके हुनर को लोगों के बीच अलग पहचान दिलवाने के लिए बंदियों के बनाए ऐसे ही उत्पादों की एक स्थाई दुकान की शुरुआत की है। इस दुकान का आज जिला एवं सत्र न्यायाधीश अतुल कुमार सक्सेना,जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि और एसपी कावेंद्र सागर ने उद्धघाटन किया। मसाला चौक में खुली इस दुकान को राजस्थान कारागार कृति नाम दिया गया है। इस दौरान बंदियों द्वारा बनाए कई उत्पादों को विक्रय के लिए रखा गया। जिसमे लोहे का पीढ़ा, हैंडमेड पेंटिंग, मसाले, इको फ्रेंडली पेन, कपड़े, कुर्ते, लोहे के चूल्हे, दरियां, फिनायल और सीख झाडू आदि शामिल है। डीआईजी जेल सुमन मालीवाल ने कहाकि बंदियों के हुनर को पहचानते हुए उन्हें स्वालंबी बनाने का प्रयास किया गया है। यह उनके पुनर्वास के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण साबित होगा। वही बंदी समय का सदुपयोग करके राशि भी कमा रहे है। जब वह जेल से बहार जाए तो समाज की मुख्यधारा में जुड़कर रोजगार पा सके।

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