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बीकानेर,:राज्य सरकार द्वारा गोचर औरण व चारागाह भूमि पर हुए कब्जों को नियमित कर पट्टे जारी करने के निर्णय के खिलाफ जननेता व पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी के धरना स्थल पर आज मानवधर्म प्रचार सेवा संस्थान के संरक्षक भागवताचार्य, पर्यावरणविद् बालसंत श्रीछैल विहारी जी महाराज ने धरने पर पहुंच कर अपना समर्थन जताया। बाल संत द्वारा गौ – धन की जमीन को बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को सभी के लिए अनुकरणीय बताते हुए इस काम में तन – मन – धन से भाटी के साथ रहने की बात कहीं । जगह जगह गोचर , औरण आदि को जो सरकार द्वारा कब्जा किया जा रहा है उस पर चर्चा कर सभी पशुप्रेमियों को साथ लेकर अंकुश लगाने , पर्यावरण संरक्षण के लिए किये जा रहे संघर्ष को जायज बताया।भारतीय संस्कृति में गाय का अलग ही महत्व है। उसके चारागाहों पर राज्य सरकार जो नीति अपनाकर बेचने का कार्य कर रही जो अशोभनीय है।उपरोक्त गोचर भुमि पर गौभक्तों व गौचर संरक्षण सेवाभावियो के सम्बौधन अवसर पर बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज ने कहा गऊ हमारी सनातन धर्म की नीव है,एक समय था जब गाय घर मे प्रेवश करते ही दर्शन देती व सब गाय पालते थे।आज कुछ लोग कुत्ता पालते है। माना कुता भी वफादार होता है।लेकिन कुत्ते का स्थान घर के बाहर होना चाहिए।पहले घर के बाहर लिखा होता था सुस्वागतम लेकिन अब घर के बाहर लिखा होता है कुत्ते से सावधान। गौचर के धरने स्थल पर संत मनुजी महाराज के साथ सामाजिक कार्यकर्ता कलाशिक्षक भुरमल सोनी व नरसिंग सोनी भी साथ रहै। उपरोक्त धरना स्थल पर वरिष्ठ नेता रामकिशन आचार्य, अंशुमान सिंह भाटी, समाजसेवी ऊधोगपति दैवकिशन चान्डक दैवश्री,समाजसेवी मालचंन्द पारीक नारायण बबलू पुरोहित,व अनेक संन्तजन की उपस्थिति रही।

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